चंडीगढ़। एक तरफ जहां हरियाणा सरकार अपने राजस्व का करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का हिस्सा शराब की बिक्री और ठेकों की बिक्री से वसूल रही है, वहीं हरियाणा का एक गांव ऐसा भी है, जहां गांव वालों ने शराब पीने वालों पर जुर्माना ठोकने का फैसला किया है। यह गांव है रोहतक जिले का चिड़ी गांव। यहां युवाओं के जोश और बुजुर्गों के समर्थन से शराब और शराबियों के खिलाफ चार महीने पहले छेड़ी गई मुहिम के सकारात्मक नतीजे मिलने लगे हैं। सबसे ज्यादा खुश हैं यहां की महिलाएं।
गांव के अशोक दलाल ने बताया कि गांव में चार महीने पहले शराबियों का हुड़दंग शाम ढलने के साथ ही शुरू हो जाता था। सामाजिक रूप से बिगड़ रहे इस ताने-बाने में गांव की महिलाएं काफी असहज थीं। गांव के शिक्षित युवा वर्ग ने महसूस किया कि शराब गांव में हर रोज कोई न कोई शराबी पैदा कर देती है। इसके खिलाफ अभियान छेड़ने के लिए सभी एकजुट हुए। अब गांव में यह स्थिति है कि पड़ोसी गांव के लोग भी यहां पहुंच रहे हैं।
दलाल ने बताया कि गांव की सीमा में कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक रूप से शराब का सेवन किए हुए मिल जाए तो उस पर 2100 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। अभी 7 लोगों पर जुर्माना लगाया जा चुका है। गांव में शराब की बिक्री करने वाले पर 5100 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और यह व्यवस्था पंचायत की तरफ से की गई है। स्मैक जैसा नशा करने वाले पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। सरपंच धर्मपाल ने बताया कि यह पूरे गांव का फैसला है। हालांकि पहले सब एकमत नहीं थे, लेकिन अब सभी सहमत हैं।
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