24 अप्रैल 2011
नई दिल्ली। लोकपाल विधेयक के लिए गठित संयुक्त समिति में शामिल सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने रविवार को विचार-विमर्श करने के बाद यह घोषणा की कि कर्नाटक के लोकायुक्त एन. संतोष हेगड़े समिति से इस्तीफा नहीं देंगे।
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हेगड़े ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, "समिति के सदस्यों ने मुझसे समिति में शामिल रहने का अनुरोध किया। वे विधेयक का स्वरूप तय करने में मेरा योगदान चाहते हैं। मैंने समिति में बने रहने का फैसला किया है।"
बैठक के बाद समिति में शामिल सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा था कि हेगड़े समिति से इस्तीफा देने नहीं जा रहे।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कर्नाटक में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में उनकी सफलता पर सवाल उठाया था। उनके इस बयान से नाराज होकर हेगड़े ने 10 सदस्यीय समिति छोड़ने की घोषणा की थी।
हेगड़े ने हालांकि शनिवार को कहा था कि उन्हें समिति में रहना है अथवा नहीं इस बात का फैसला वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे करेंगे।
केजरीवाल ने कहा, "हस सभी ने न्यायाधीश हेगड़े से इस्तीफा न देने का अनुरोध किया और उन्होंने इस्तीफा न देने का फैसला किया है।"
केजरीवाल के मुताबिक समिति के सदस्यों ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखने का निर्णय लिया। पत्र में वे अनुरोध करेंगे कि समिति के किसी भी सदस्य के खिलाफ यदि कोई आरोप लगता है तो वे उनके खिलाफ एक उच्चस्तरीय स्वतंत्र जांच का आदेश देंगे।
उन्होंने कहा, "दोषी पाए जाने पर हम किसी भी तरह का दंड पाने के लिए तैयार रहेंगे।"
केजरीवाल ने कहा कि विधेयक पर देश भर से परामर्श मांगने के लिए उसके तरीकों पर बैठक में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर आगामी आठ मई को नई दिल्ली में विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ एक परामर्श बैठक का आयोजन करेंगी।
पूर्व पुलिस अधिकारी किरन बेदी ने कहा कि विधेयक पर लोगों की सलाह लेने के लिए शनिवार को एक द्विभाषी वेबसाइट लोकपालबिलकन्सलटेशन डॉट कॉम की शुरुआत की गई। उन्होंने बताया कि लोग अपनी टिप्पणियां अथवा सलाह 'लोकपालबिलकन्सलटेशन जीमेल डॉट कॉम' पर भी भेज सकते हैं।
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