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12 राशियों पर मीन राशि के गुरु का प्रभाव

अंकुश खुंगर

बृहस्पति २ मई, २०१० को अपनी राशि परिवर्तित कर रहा है और यह कुम्भ से मीन  राशि में प्रवेश करेगा। यहाँ गुरू लगभग एक वर्ष यानी कि ८ मई, २०११ तक रहेगा। जुलाई में यह वक्री हो जाएगा और फिर नवम्बर में पिछली राशि कुम्भ में प्रवेश करेगा। उसके बाद यह आगे की ओर गति करेगा और दिसम्बर के मध्य में पुनः मीन में प्रविष्ट हो जाएगा और अगले साल ८ मई तक मीन में रहेगा। अतः पूरे साल सभी राशियों पर मीन में गुरू का प्रभाव पड़ेगा। लेकिन, किस राशि के लिए यह ‘जोड़ी’ क्या किस्मत लेकर आएगी-आइए जानते हैं। ये भाग्यफल चन्द्रराशि आधारित है, इसलिए पाठक ध्यान दें।

मेष
मेष के लिए गुरू ९वें (भाग्य) और १२वें (व्यय) भाव का स्वामी है। इस साल गुरू बारहवें भाव में ख़ुद अपनी राशि मीन में गोचर करेगा। यह संयोग ख़र्चे में बढ़ोतरी, विदेश प्रवास, आध्यात्मिकता और हानि को दर्शाता है। इसलिए जो जातक विदेश यात्रा के इच्छुक हैं, उनकी मनोकामना पूरी हो सकती है। हालाँकि साथ ही पर्याप्त ख़र्चा भी होगा। नया वाहन या सम्पत्ति ख़रीदना चाहते हैं, तो उसके लिए सही समय है। इस दौरान आपको ऋण लेना पड़ सकता है। मधुमेह और जॉण्डिस आदि से सावधान रहने की आवश्यकता है।

वृषभ
वृषभ के लिए बृहस्पति ८वें (विपत्तियों) और ११वें (लाभ) भाव का स्वामी है। यह ११वें भाव में अपनी ही राशि में गोचर कर रहा है, जो थोड़े-से संघर्ष के साथ विभिन्न स्रोतों से लाभ और आय में वृद्धि को दिखाता है। आप ख़ुद को अधिक ऊर्जावान और साहसी महसूस करेंगे। आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों की मदद करेंगे और बदले में उनसे सम्मान और सहयोग अर्जित करेंगे। अध्ययन में आपकी दिलचस्पी बढ़ेगी और आप अपनी पसंद के क्षेत्र में आगे शिक्षा ले सकते हैं। जो लोग संतान की इच्छा रखते हैं, उनकी कामना पूरी हो सकती है। विवाह-योग्य लोगों की शादी पक्की हो सकती है।

मिथुन
मिथुन के लिए गुरू ७वें (साझीदारी) और १०वें (पेशा) भाव का स्वामी है। गुरू १०वें भाव में अपनी ही राशि में गोचर करेगा। जो नयी नौकरी ढूंढ रहे हैं या नया कारोबार शुरू करना चाहते हैं, उनकी इच्छा पूरी होगी। पदोन्नति और आय में इज़ाफ़ा भी मुमकिन है। आपकी संपत्ति में बढ़ोत्तरी होगी और आप उम्मीद से अधिक धन अर्जित करेंगे। घर में ख़ुशी का माहौल रहेगा। जो लोग अपने शहर में स्थानान्तरण कराना चाहते हैं, उनकी मुराद पूरी हो सकती है। आप सभी ऋणों और रोगों से छुटकारा पाने में सफल रहेंगे। आपके लिए सामान्य से बेहतर गोचर है।

कर्क
कर्क के लिए बृहस्पति छठे (रोग) और ९वें (भाग्य) भाव का स्वामी है। यह ९वें भाव में मीन में गोचर करेगा। यह आपके लिए काफ़ी भाग्यशाली समय है। विदेश-यात्रा और सरकारी सहयोग की उम्मीद की जा सकती है। भगवान में आस्था बढ़ेगी। आपके पिता को इस दौरान आर्थिक लाभ मिलेगा। आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और आप ख़ुद को स्वस्थ्य व शान्त महसूस करेंगे। आपनी सारी मानसिक परेशानियाँ ख़त्म हो जाएंगी। आपके जीवन-साथी का भाग्य आपकी क़िस्मत को चमकाएगा। दृढ़ इच्छाशक्ति से इच्छित वस्तुएं मिलेंगी।

सिंह
सिंह के लिए गुरू ५वें (संतान, शिक्षा) और ८वें (बाधा, दीर्घायु) भाव का स्वामी है। यह ८वें भाव में मीन में गोचर करेगा। आपको बीमे की रक़म से अचानक धनलाभ होगा। दीर्घायु के लिए अच्छा समय है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरते की ज़रूरत है। विद्यार्थियों को पढ़ाई में अधिक मेहनत की आवश्यकता है। व्यय में वृद्धि होगी, साथ ही विदेश से संबंधित कार्य हो सकते हैं। आयात-निर्यात का काम लाभ देगा। इस दौरान दान-पुण्य की तरफ़ झुकाव बढ़ सकता है। नया वाहन ख़रीदने के लिए अच्छा समय नहीं है।

कन्या
कन्या के लिए गुरू चौथे (प्रसन्नता) और ७वें (विवाह, जीवनसाथी) भाव का स्वामी है। यह ७वें भाव में गोचर करेगा। जो जीवनसाथी या प्रेम की खोज में हैं, उनकी तलाश ख़त्म होगी। जो शादी-शुदा हैं, वे वैवाहिक जीवन का पूरा सुख लेंगे। जो साझीदारी में व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए यह आदर्श समय है। इस दौरान विपरीत लिंग के किसी व्यक्ति का जीवन पर विशेष प्रभाव रहेगा। आपकी इच्छाएँ पूरी होंगी। आपके चेहरे पर तेज और चमक रहेगी व आपकी नेतृत्व-क्षमता का विकास होगा। आपको हर जगह से सम्मान प्राप्त होगा।

तुला
गुरू तीसरे (छोटे भाई-बहन) और छठे (शत्रु, रोग) भाव का स्वामी है। यह छठे भाव में अपनी ही राशि मीन में गोचर करेगा। जो लोग क़ानून या चिकित्सा से जुड़े पेशे में हैं, उन्हें फ़ायदा होगा। जिन्हें बड़े ऋण की आवश्यकता है, वो उन्हें मिलेगा। मातृ-पक्ष से सहायता मिलेगी। वाहन चलाते समय सावधानी अपेक्षित है। सेहत ख़राब होने की आशंका है, अतः नियमित व्यायाम करें। क्रोध पर नियंत्रण रखें, नहीं तो रिश्तों में दरार पड़ सकती है। व्यय में वृद्धि होगी और संबंधों के माध्यम से लाभ मिल सकता है।

वृश्चिक
बृहस्पति दूसरे (संपत्ति, परिवार) और ५वें (संतान, शिक्षा) भाव का स्वामी है। यह अपनी ही राशि में ५वें भाव में गोचर करेगा। प्रेम-संबंधों और रोमांस के दृष्टिकोण से यह बहुत उत्तम समय है। जो विद्यार्थी अभी तक कठिनाई का अनुभव कर रहे थे, वे अब अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अगर आप फ़िल्म, मीडिया या फ़ैशन आदि क्षेत्रों में कुछ करना चाहते हैं, तो यह सही समय है। आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आपको कई स्रोतों से धन प्राप्त हो सकता है। हालाँकि आपका वज़न बढ़ सकता है, इसलिए तली-भुनी चीज़ों से दूर रहें।

धनु
गुरू पहले (स्वयं) और चौथे (माँ, प्रसन्नता) भाव का स्वामी है और चौथे भाव में स्वराशिगत है। परिवार का माहौल हँसी-ख़ुशी से भरा रहेगा। जो संपत्ति में निवेश करना चाहते हैं या नया वाहन ख़रीदना चाहते हैं, उनके लिए अनुकूल समय है। हालाँकि माँ के स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आपको अपने जीवन-साथी की तरफ़ से संपत्ति मिल सकती है। आपको अपने पेशे में साधारण सफलता मिलेगी, लेकिन किसी तरह का ख़तरा मोल लेने से बचें। व्यर्थ समय न गंवाएं।

मकर
गुरू तीसरे (छोटे भाई-बहन, साहस) और १२वें (व्यय, हानि) भाव का स्वामी है और तीसरे भाव में स्वराशिगत है। आपको अपने छोटे भाई-बहनों से काफ़ी सहायता मिलेगी। कम दूरी की यात्रा करनी पड़ेगी, लेकिन वह काफ़ी लाभदायक रहेगी। शिक्षण, तार्किक या काउंसलिंग आदि कामों से जुड़े लोगों के लिए काफ़ी अच्छा समय साबित हो सकता है। आप अपनी होशियारी और वाक्पटुता के चलते सबके आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इस दौरान आपको कई छोटी-बड़ी यात्राएँ करनी पड़ सकती हैं। विवाह और विदेश-यात्रा की भी अच्छी संभावना है।

कुम्भ
बृहस्पति दूसरे (संपत्ति, परिवार) और ११वें (आय) भाव का स्वामी है और दूसरे भाव में स्वराशिगत है। आय में वृद्धि और पारिवारिक ख़ुशहाली निश्चित है। पहले किए गए निवेश अब लाभ देंगे। भूमि, शेयर और आभूषण की ख़रीद मुमकिन है। आपकी वाणी प्रभावपूर्ण रहेगी और आप दूसरों को आसानी से राज़ी करने में सफल रहेंगे। साथ ही आप अपने ऋण चुकाने में क़ामयाबी हासिल करेंगे और सभी बाधाओं पर विजय पाएंगे। बीमारी से बचने के लिए आपको अपने खाने-पीने की आदतों में सुधार करने की ज़रूरत है।

मीन
गुरू पहले (स्वयं) और १०वें (पेशा) भाव का स्वामी है और पहले भाव में स्वराशिगत है। आप अतिबौद्धिकता और अपनी योजनाओं को गुप्त रखने के चक्कर में परेशानी में भी पड़ सकते हैं। हालाँकि आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे और ध्यान व योग आपके लिए काफ़ी सहायक साबित हो सकते हैं। आपके काम को लोगों द्वारा सराहा जाएगा। जिन्हें नौकरी की तलाश है, उन्हें इच्छित काम मिल सकता है। इस दौरान आपकी समझने और सीखने की शक्ति में वृद्धि होगी। जुए, लौटरी और सट्टे आदि से दूर रहें, नहीं तो काफ़ी नुक़सान का सामना करना पड़ सकता है।

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