शिव और पार्वती का निवासस्‍थल : कैलाश मानसरोवर Jyotish

Anirudh Sharma

अनिरुद्ध शर्मा हमारे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ‘कैलाश’ को भगवान शंकर और मॉ पार्वती का निवासस्‍थल माना जाता है। भगवान शिव अपने समस्त गणों के साथ इसी आलौकिक स्थान पर रहकर तीनों लोक तथा चौदहों भुवन पर अपनी कृपादृष्टि रखते है। शिवपुराण के अनुसार कुबेर ने इसी स्थान पर कठिन तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न हो भगवान शिव ने कैलाश को अपना निवास स्थान तथा कुबेर को सखा बनाने का वरदान दिया था। शास्त्रों के अनुसार इसी स्थान को पृथ्वी का स्वर्ग एवं कुबेर की अलकापुरी की संज्ञा भी दी गयी है। कैलाश पर्वत बर्फ से ढ़के शिवलिंग के रूप में आठ पहाड़ों से घिरा ऐसा प्रतीत होता है मानो अष्टदल कमल पुष्प हो। कैलाश पर्वत की समुद्रतल से ऊँचाई 22027 फीट तथा बाहरी परिक्रमापथ 62 किमी0 है।

गुरु के प्रति आभार प्रकट करने का पर्व: गुरु पूर्णिमा Jyotish

Anirudh Sharma

अनिरुद्ध शर्मा गुरुब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात्परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः।। गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं और गुरु ही देवादिदेव महादेव हैं। गुरु साक्षात् परब्रह्म परमात्मा के समान हैं। अतः गुरु को मेरा सर्वदा शत्-शत् नमन है। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरुपूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। गुरुपूर्णिमा अर्थात् गुरु के प्रति आभार एवं कृतज्ञता प्रकट करने का दिन। अतः सभी शिष्य इस तिथि पर अपने-अपने गुरुओं का पूजन करते हैं। भारतीय संस्कृति की प्रतीक यह गुरुपूजा समस्त भारत में ही नहीं अपितु संसार भर में प्रसिद्ध है, जिसे व्यासपूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सम्पूर्ण भारतवर्ष में गुरु पूजन एवं वन्दन होता है। शिष्यगण दूर-दूर से गुरु के धाम आकर श्रद्धापूर्वक भेंट अर्थात् गुरुदक्षिणा अर्पित करते हैं तथा आर्शीवाद प्राप्त करते हैं। सम्पूर्ण ब्रजक्षेत्र विशेषतः मथुरा, वृंदावन तथा गोवर्धन में यह गुरुपूजा बड़ी ही श्रद्धा, भक्ति, हर्ष एवं उल्हास के साथ मनायी जाती है। यह पूर्णिमा सबसे बड़ी पूर्णिमा मानी जाती है, क्यूंकि तीनों लोकों में ज्ञान को श्रेष्ठ तथा ज्ञानप्रदाता सद्गुरु को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस पूर्णिमा पर सद्-आचार, सद्-विचार तथा सत्यव्रत का पालन करने से वर्ष की समस्त पूर्णिमाओं का फल प्राप्त होता है।

किस्मत के महाराज करते रहेंगे राज Jyotish

Punit Pandey

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्‍तान महेन्‍द्र सिंह धौनी आज भारत में ही नहीं विश्‍व में जाना माना नाम है।

धर्म और आस्‍था का संगम है श्री जगन्‍नाथ पुरी रथयात्रा Jyotish

Anirudh Sharma

अनिरुद्ध शर्मा प्रतिवर्ष भारत में आषाढ़ शुक्‍ल द्वितीया को रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह रथयात्रा महोत्‍सव 3 जुलाई से 10 जुलाई तक मनाया जाएगा। सबसे प्रतिष्ठित समारोह जगन्नाथ पुरी में मनाया जाता है। यह स्थान भुवनेश्वर से साठ किमी की दूरी पर है। प्राचीन काल में पुरी को पुरुषोत्तम क्षेत्र कहा जाता था। यहां का जगन्नाथ मंदिर अपनी ऐतिहासिक रथयात्रा के लिए सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। पश्चिमी समुद्रतट से लगभग डेढ़ किमी दूर उत्तर में नीलगिरि पर्वत पर स्थित यह प्राचीन मंदिर कलिंग वास्तुशैली में बना 12वीं सदी का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण नरेश चोड़गंग ने करवाया था।

पुरी में देवस्नान के लाखों ने किए दर्शन Jyotish

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ओडिसा के पुरी शहर में बुधवार को देश के विभिन्न हिस्सों से आए 200,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने तीन देवताओं के स्नान संस्कार के दर्शन किए। देवस्नान का यह अनुष्ठान प्रसिद्ध रथयात्रा के पहले सम्पन्न होता है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।

चंद्रग्रहण का राशियों पर प्रभाव Jyotish

Pt. Rajesh Sharma

15 जून 2011 को होने वाला पूर्ण चन्द्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। वर्ष 2005 में पन्द्रह दिनों में दो बार 8 अप्रैल और 24 अप्रैल को सूर्य और चंद्र ग्रहण एक साथ पड़े थे तथा 03 अक्टूबर और 17 अक्टूबर को फिर दोबारा ग्रहण पडे थे। इस की वजह से प्राकृतिक आपदाओं ने भारी तबाही मचायी थी। साल 2005 और 2011 का अंत शनिवार के साथ होगा। 2005 में चंद्रमा धनु राशि में स्थित था तथा 2011 में यह मीन राशि में स्थित होगा। यह भी संयोग है की दोनों वर्ष का अंतिम दिन चंद्रमा गुरु के स्वामित्व वाली राशि में होगा सन् 2011 में 6 ग्रहण हैं जबकी 2005 में 4 ग्रहण हुए थे।

130 साल बाद पड़ेगा इतना लंबा चंद्रग्रहण Jyotish

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पूनम के चांद की खूबसूरती का भला कौन कायल नहीं होगा लेकिन आपने पूनम का चांद ऐसा कभी नहीं देखा होगा जो धूमिल पड़ते-पड़ते कटने लगे और एक बिंदु पर आकर पूरा गायब तो नहीं लेकिन एक लाल या तांबई रंग के गोले में बदल जाए। कुछ ऐसा ही नजारा आज रात आसमान में घटने वाला है।

उल्लास से मनाया गया गंगा दशहरा Jyotish

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देश में गंगा दशहरा के मौके पर शनिवार को हजारों लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई और प्रार्थना कर दान-पुण्य किया।

शनि जयंती पर करें शनि को प्रसन्‍न Jyotish

Pt. Rajesh Kumar Sharma

शनि देव को समस्त ग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह माना गया है, शनिदेव की जयन्ती 1 जून 2011 को है

मानव-समुदाय के कल्‍याण के लिए है : पंचक्रोशी यात्रा Jyotish

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दुनिया के प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन की पंचक्रोशी यात्रा को दिव्यशक्तियों के निकट ले जाने वाला माना जाता है। यात्रा सम्पूर्ण मानव-समुदाय के कल्याण के लिए निकाली जाती है। छह दिनों तक चलने वाली पंचक्रोशी यात्रा 118 किलोमीटर दूरी तय करते हुए तीन मई को समाप्त होगी।

ज्योतिष लेख

मकर संक्रांति 2020 में 15 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। जानें इस त्योहार का धार्मिक महत्व, मान्यताएं और इसे मनाने का तरीका।

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