4 मई 2011
ईटानगर/नई दिल्ली। चार दिन पहले अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू को लेकर लापता हुए हेलीकॉप्टर के दुर्घटनास्त हो जाने से मुख्यमंत्री सहित उसमें सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई। बुधवार को खांडू के शव की पहचान कर ली गई।
दुर्घटनास्थल पर बचाव कर्मियों के साथ पहुंचे खांडू के परिजनों ने उनके शव की पहचान की। हालांकि चार अन्य शव बुरी तरह क्षत-विक्षत तथा जले हुए थे, जिसकी वजह से उनकी पहचान नहीं हो पाई।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री के परिवार के कुछ सदस्य सुरक्षा कर्मियों तथा स्थानीय अधिकारियों के साथ चार घंटे की पैदल यात्रा के बाद लोबोतंग के पास दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। हेलीकॉप्टर का मलबा बुधवार को ही सुबह 10 बजे देखा गया था।
एक अधिकारी ने बताया, "कुछ परिजनों ने मुख्यमंत्री के क्षत-विक्षत शव की पहचान की। सूचना के अनुसार चार अन्य शव बुरी तरह क्षत-विक्षत और जली हुई अवस्था में थे, जिनकी पहचान नहीं हो पाई।"
अब इन पांचों शवों को किसी नजदीकी पहुंच वाले स्थान पर ले जाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इसमें सात घंटे लग सकते हैं।
मुख्यमंत्री के सलाहकार किरेन रिजिजू ने कहा, "यह ऊपर की चढ़ाई होगी और क्षेत्र उबड़-खाबड़ तथा फिसलनभरा है।"
इससे पहले नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा था कि दुर्घटनास्थल की पहचान कर ली गई है और कुछ शव देखे गए हैं। सेना का एक दल तवांग जिले में हेलीकॉप्टर का मलबा मिलने वाले स्थान के लिए रवाना हो गया है।
करीब 96 घंटे तक चले तलाशी अभियान के बाद बुधवार सुबह करीब 10 बजे खोजी दल ने सुदूर लोबोतंग क्षेत्र में हेलीकॉप्टर का मलबा पाया। मुख्यमंत्री खांडू को तवांग से ईटानगर ले जा रहा पवन हंस कम्पनी का हेलीकॉप्टर एएस 350 बी-3 शनिवार सुबह 9.50 बजे लापता हो गया था।
हेलीकॉप्टर के पायलट से आखिरी सम्पर्क उड़ान भरने के करीब 20 मिनट बाद हुआ था। इस समय हेलीकॉप्टर सेला दर्रे के करीब 13,700 फुट की ऊंचाई पर था।
हेलीकॉप्टर में दो पायलट और मुख्यमंत्री तथा उनके निजी सुरक्षा अधिकारी सहित तीन यात्री थे। इनमें कांग्रेस विधायक सेवांग धोनदुप की छोटी बहन येशमी लामू भी थीं।
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