3 नवंबर 2011
वाशिंगटन। एक शोध के मुताबिक मोटापाग्रस्त किशोरवय लोगों में विटामिन डी का स्तर सुधारने के लिए विटामिन डी-3 की प्रतिदिन उच्च खुराक सुरक्षित और प्रभावी हो सकती है।
विटामिन डी-3 की कमी से अवसाद, पीठ में दर्द, कैंसर, गर्भावस्था के दौरान दोनों इंसुलिन प्रतिरोधक तथा पूर्व एक्लंप्सिया (गर्भावस्था के दौरान होने वाला उच्च रक्तचाप), प्रतिरोधक क्षमता खराब होने और मैकुलर विकार हो जाती हैं।
मिसौरी विश्वविद्यालय में इस विषय पर शोध करने वाली पोषण और शरीरिक व्यायाम क्रिया विज्ञान की सहायक प्रोफेसर कैथरीन पीटर्सन ने कहा, "किशोरवय लोगों में विटामिन डी की कमी का भारी खतरा रहता है क्योंकि उनके शरीर में विद्यमान अतिरिक्त वसा इसे रक्त में पहुंचने नहीं देता है।"
विश्वविद्यालय के एक बयान के मुताबिक पीटर्सन ने कहा, "शोध में हमने पाया कि मेडिसीन संस्थान द्वारा निर्धारित किए गए विटामिन डी-3 की अधिकतम रोजाना खुराक 4,000 आईयूस (अंतर्राष्ट्रीय इकाइयां) लेना सुरक्षित और प्रभावी होगा, जो ऐसे लोगों के विटामिन डी के स्तर में सुधार कर सकता है।"
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