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मातृत्व सहयोग योजना को केंद्र की मंजूरी

20 अक्टूबर, 2010

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को गर्भवती महिलाओं, माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार के लिए इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (आईजीएमएसवाई) को मंजूरी दे दी। यह योजना देश के चुनिंदा 52 जिलों में आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए लागू की जाएगी।

इस योजना को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने स्वीकृति दे दी है। योजना पर 1000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। केंद्र की यह योजना 11वीं पंचवर्षीय योजना की शेष अवधि के दौरान चुए गए 52 जिलों में प्रायोगिक तौर पर शुरू की जाएगी।

कें द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों को पोषण जरूरतें पूरी करने के लिए नकद सहायता दी जाएगी। योजना के कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2010-11 और वर्ष 2011-12 के लिए क्रमश: 390 करोड़ और 610 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।

इस योजना के तहत लक्षित जिलों में सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को गर्भधारण की दूसरी तिमाही से बच्चे की छह माह की उम्र तक तीन किस्तों में कुल 4,000 रुपये दिए जाएंगे।

केंद्र और राज्य सरकारों की महिला कर्मचारियों को इस योजना से अलग रखा गया है, क्योंकि उन्हें इसके लिए भुगतान सहित मातृत्व अवकाश मिलता है। इस योजना से प्रारंभिक तौर पर 13.8 लाख गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलने का अनुमान है। नकद राशि प्राप्त करने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को निकट के बैंक या डाकघर में व्यक्तिगत खाता खुलवाना होगा।

राज्य एवं संघ शासित प्रदेश में आईजीएमएसवाई को अतिरिक्त अनुबंधित कर्मचारियों की मदद से कार्यान्वित किया जाएगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहयोगी को क्रमश: 200 और 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

योजना के कार्यान्वयन की प्रगति पर नजर रखने के लिए निगरानी समितियां गठित की जाएंगी। इसके अलावा महिला और बाल विकास मंत्रालय के माध्यम से आईजीएमएसवाई प्रकोष्ठ का भी गठन किया जाएगा।


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