1 जनवरी, 2011
नयी दिल्ली। आरूषि हत्याकांड में नाकामी का सामना कर रही सीबीआई को विफलता का सामना कर रही सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में आरूषि के पिता राजेश तलवार पर अंगुली उठाई है। क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि आरुषि के माता-पिता की ओर से पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को लगातार प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा था।
गाजियाबाद की विशेष कोर्ट में पेश की गई 30 पेज की क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने इस मामले में राजेश व नूपुर तलवार की भूमिका को संदेह के घेरे में रखा गया है। सीबीआई की ओर से बताया गया है कि प्रथम दृष्टा रिपोर्ट (एफआईआर) में आरुषि के पिता डॉक्टर राजेश का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है, लेकिन सबूतों के अभाव में चार्जशीट में उनका नाम दर्ज नहीं किया गया।
आरूषि की हत्या के संदिग्ध तीनों नौकरों को जांच में निर्दोष पाया गया है। नोएडा स्थित घर में 15-16 मई की मध्य रात्रि को 14 वर्षीय आरूषि की हत्या कर दी गई थी। तलवार परिवार के नौकर हेमराज का शव अगले दिन घर की छत पर मिला था। ढाई वर्ष तक की गई जांच के बाद सीबीआई ने इस मामले को बंद करने की क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी है। सीबीआई ने कहा कि सबूतों के अभाव में उसने ऐसा किया है।