10 मार्च, 2011
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने जाटों की केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण की मांग का समर्थन करते हुए उनसे अपील की है कि वे राज्य (उत्तर प्रदेश) में कोई ऐसा काम न करें, जिससे आम जनता को असुविधा हो।
लखनऊ में गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा, "मैं पहले भी इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट कर चुकी हूं, लेकिन मैं एक बार फिर से दोहराना चाहती हूं कि हमारी पार्टी जाटों की इस मांग का पुरजोर समर्थन करती है, लेकिन उनकी आरक्षण सम्बंधी इस मांग पर फैसला लेने में केंद्र सरकार ही सक्षम है। ऐसे में जाट समुदाय के लोग दिल्ली जाकर अनुशासित तरीके से केंद्र सरकार के सामने अपनी मांग रखें।"
आरक्षण की मांग को लेकर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष सिमति के बैनर तले जाट समुदाय के लोगों के आंदोलन का आज छठवां दिन है। जाट आंदोलन की आग अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ हिरयाणा में भी पहुंच गई है।
बीते दिनों से अमरोहा के काफूरपुर रेलवे स्टेशन के पास जाट आंदोलनकारी रेलमार्ग को अवरुद्ध करके दिल्ली-लखनऊ रेलमार्ग को ठप्प किये हुए हैं, जिससे रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जहां 20 से ज्यादा रेलगाड़ियां रद्द करनी पड़ी हैं, वहीं करीब 15 के मार्ग बदलकर उन्हें दूसरे मार्गो से चलाया जा रहा है।
बसपा प्रमुख ने रेलमार्ग पर कब्जा किये हुए आंदोलनकारी जाट समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे उत्तर प्रदेश में कोई ऐसा काम न करें, जिससे आम जनता को कोई नुकसान या असुविधा हो।
इस बीच अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे पूरे उत्तर भारत में रेलमार्गो को जाम कर देंगे।