20 मार्च 2011
नई दिल्ली। देशभर में रविवार को होली का सुरूर लोगों के सिर चढ़कर बोला। चारों तरफ रंगों और गुलाल में भींगे सभी एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए नजर आए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के सभी हिस्सों में एकता और सौहार्द का संदेश देने वाला इस पर्व का रंगों भरा उल्लास देखने को मिला।
किसी के लिए यह रंगों का त्योहार है तो किसी के लिए पकवानों का। होली को मनाने के अंदाज भले ही अलग हों पर उमंग एकसमान देखने को मिलता है और यही वजह है कि आज पूरा देश होली के रंग में डूबा नजर आ रहा है।
सड़क पर रंग-गुलाल से सराबोर कपड़े पहनकर निकले लोगों और होली के गीतों ने वाकई होली का अहसास कराया।
होली के मौके पर रंग डालने या लगवाने के दौरान कई सावधानियां बरतनी भी जरूरी है। क्योंकि इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। 'बुरा न मानो होली है' और हम लाल पीले रंग के गुलाल की छटा बिखेरने में लग जाते हैं। अगर हम सजगतापूर्वक होली खेलें और प्राकृतिक रंगो का प्रयोग करें तो वह कतई हानिकारक नहीं है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर एक साथ 'होली बारात' निकालकर सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया।
ढोल की थापों के बीच लोगों ने गाते-बजाते हुए सुसज्जित रथ पर 'होली बारात' निकाली।
रथ पर सवार लोगों ने चौक के विभिन्न इलाकों से होकर गुजरते हुए गुलाल बरसाए।
लखनऊ के मेयर दिनेश मौर्य ने पत्रकारों के साथ बातचीत में बताया, "नवाबों के शहर में होली बारात निकालने की यह पुरानी परम्परा है। यह केवल जुलूस मात्र नहीं है बल्कि विभिन्न समुदायों भाईचारे का संदेश भी देता हैं।"
चौक इलाके में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने होली के अवसर पर गुलाबों का गुलदस्ता और माला तैयार किया है, जैसे ही 'होली बारात' निकली उन्होंने हिन्दुओं पर फूल बरसाए।
इस इलाके में रहने वाले विवेक तिवारी ने बताया, "पिछले 42 सालों से इसी तरीके से होली मनाई जा रही है। आप इसे परम्परा कह सकते हैं। मुस्लिमों ने हम पर गुलाब के फूल बरसाए। हमने भी उन्हें माला पहनाया।"
कोणेश्वर मंदिर से निकली 'होली बारात' पुराने लखनऊ होते हुए विभिन्न इलाकों से गुजरी।
उधर, मुम्बई में रविवार को होली का त्योहार पारम्परिक और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया लेकिन स्कूल और कॉलेजों में परीक्षाओं के दौरे के चलते युवकों में इसका रंग मामूली रूप से फीका नजर आया।
पारम्परिक रूप से 'लोलिका' जलाने के साथ होली का पर्व शनिवार शाम से ही शुरू हो गया, जो रविवार तड़के तक चलता रहा। इसके बाद घरों से बाहर निकल लोगों ने एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाया।
पिछले साल केमुकाबले युवकों में इस बार होली का रंग थोड़ा फीका दिखा। परीक्षाओं के दौर को देखते हुए ज्यादातर घरों में ऊंची आवाजों में म्यूजिक सिस्टम नहीं बजे।
इधर, पुलिस सुरक्षा बन्दोबस्त को लेकर चौकन्ना रही और पूरे शहर पर निगरानी रखती रही।
बॉलीवुड कलाकार, हस्तियां, कारोबारियों और राजनेताओं ने भी होली का त्योहार धूम-धाम से मनाया।
उत्तरी मुम्बई के लोकसभा सदस्य संजय निरुपम ने अपने आवास पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जबकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के उपाध्यक्ष वी. सारस्वत ने अपने आवास पर 'भोजपुरी होली' का आयोजन किया था।