2 अप्रैल 2011
मुंबई। आखिरकार वह लम्हा आ गया, जिसका इस देशवासियों को अरसे से इंतजार था। लेकिन, इस इंतजार के बीच एक शख्स का इतंजार कुछ खास था। यह शख्स है सचिन तेंदुलकर। पांच वर्ल्ड कप खेलने के बावजूद सचिन को कभी इस लम्हे को जीने का मौका नहीं मिला था। लेकिन, छठे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने सचिन को वर्ल्ड कप का तोहफा देने की ठान ली थी। और टीम ने यह कर दिखाया।
सचिन भी इस लम्हे को जीकर इतने भावुक हो गए कि आंखों से आंसू रोक नहीं पाए। सचिन ने कहा-यह जीत के आंसू हैं और इससे मुझे कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि यह टीम के निरंतर बेहतरीन खेल का नतीजा है। ऐसा निरंतरता पहले कभी नहीं रही। मेरे लिए यह जिंदगी का सबसे अहम पल है। मैं इस पल को जीना चाहता था। वर्ल्ड कप जीत की खुशी को महसूस करना चाहता था और ऐसा ही हुआ है।
सचिन ने युवराज सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। सचिन ने कहा-युवराज वर्ल्ड कप से पहले खराब दौर से गुजर रहा था। उस दौरान हमनें युवराज का साथ दिया। हम उसके साथ थे। हम जानते थे कि वो बेहतरीन खेल दिखाएगा। उसकी टेलेंट पर कभी किसी को कोई शक नहीं था।
सचिन ने कोच गैरी कर्स्टन को भी धन्यवाद कहा। खासतौत पर गैरी और पैडी का जिक्र करते हुए सचिन ने कहा कि सपोर्ट स्टाफ के सहयोग के बिना यह मिशन संभव नहीं था