19 अप्रैल 2011
भिवानी। हरियाणा के भिवानी जिले में बलात्कार के आरोप में अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए एक शख्स ने चचेरे भाई के साथ मिलकर 'सम्मान' के नाम पर परिवार की ही दो विधवा महिलाओं की हत्या कर दी। वारदात के बाद पूरे गांव में तनाव है, वहीं आरोपियों को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।
वारदात भिवानी जिले के रानिला गांव में रविवार रात की है। हत्या की इस वारदात को दर्जनभर महिलाओं सहित करीब 200 ग्रामीणों के समक्ष अंजाम दिया गया, लेकिन कोई विधवा महिलाओं को बचाने नहीं आया। सब मूकदर्शक बने देखते रहे। पुलिस को घटना की सूचना सोमवार को दी गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "मृतकों के शव यूं ही खुले में पड़े रहे। पुलिस के पहुंचने तक किसी ने भी उन्हें हाथ नहीं लगाया था।"
पुलिस के अनुसार मृत विधवा महिलाओं की पहचान सुमन (35) और शकुंतला (40) के रूप में की गई है। सुमन की आठ साल की एक बेटी है, जबकि शकुंतला का 15 साल का बेटा है। शकुंतला के भतीजे नरेश (23) ने चचेरे भाई सुभाष (24) के साथ मिलकर उन्हें लाठियों से बुरी तरह पीटा।
भिवानी के पुलिस अधीक्षक अश्विन ने बताया, "हमने आरोपियों के खिलाफ कानून के उल्लंघन और हत्या के मामले दर्ज किए हैं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों को महिलाओं के चरित्र पर संदेह था। उन्होंने ग्रामीणों को भी धमकी दी थी कि यदि कोई उन्हें बचाने आता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।"
उन्होंने कहा, "हमने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। नरेश पहले ही बलात्कार के मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराया जा चुका है। वह फिलहाल पेरोल पर था और 10 दिन पहले ही गांव पहुंचा था।"
दोनों आरोपियों ने पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया और अपना आरोप स्वीकार किया।
नरेश ने पुलिस से कहा, "हमने उन्हें अपने परिवार की छवि खराब करने और समुदाय को बदनाम करने के लिए मारा है। परिवार का सम्मान बचाने के लिए यह जरूरी हो गया था।"
उधर, सुमन के पिता ने आरोप लगाया है कि वारदात में कुछ और युवक भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने मामले की पूरी जांच कराने की मांग की।