21 अप्रैल 2011
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि खाद्य पदार्थों की महंगाई दोहरे अंकों से नीचे आ गई है लेकिन अभी भी यह चिंताजनक स्तर पर है।
लोक सेवा दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले डेढ़ साल के दौरान लगातार मुद्रास्फीति की स्थिति रही है खासकर खाद्य पदार्थो के क्षेत्र में, जो चिंता का कारण है।"
देश में खाद्य पदार्थो की महंगाई दर लगातार तीन सप्ताह की गिरावट के बाद नौ अप्रैल को समाप्त सप्ताह में बढ़कर 8.74 प्रतिशत हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले महीनों में यद्यपि स्थिति में कुछ सुधार हुआ है और खाद्य पदार्थो की महंगाई दर इकाई के अंकों में पहुंची है लेकिन इसका दीर्घकालिक समाधान उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि है।"
पिछले 15 महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख ब्याज दरों में आठ बार 25-25 आधार अंक की वृद्धि की है लेकिन महंगाई पर नियंत्रण में सरकार इच्छा के अनुरूप सफल नहीं हुई है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक मार्च में महंगाई दर 8.31 प्रतिशत रही जो रिजर्व बैंक के अनुमान आठ प्रतिशत से ज्यादा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी नीति विकास प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाए बिना महंगाई पर नियंत्रण करने की रही है।"
उन्होंने कहा, "कृषि क्षेत्र में उच्च विकास दर का लक्ष्य प्राप्त करने में लोक सेवकों की भूमिका अहम है। प्रदेश स्तर पर कृषि आयुक्त के तौर पर सबसे बेहतर अधिकारियों की नियुक्ति होनी चाहिए।"