22 अप्रैल 2011
अहमदाबाद। गुजरात के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, संजीव भट्ट ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि वह 2002 में हुए गोधरा मामले के बाद मुसलमानों को सबक सिखाना चाहते थे।
सर्वोच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के इस अधिकारी ने कहा है कि मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों से कथितरूप से कहा था कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगी जलाए जाने के बाद हिंदुओं की भावनाएं उबल रही हैं।
गोधरा कांड में मारे गए अधिकांश व्यक्ति, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से थे, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या से गुजरात लौट रहे थे। रेलगाड़ी की बोगी जलाए जाने के बाद साम्प्रदायिक दंगा भड़क गया था और राज्य भर में कम से कम 1,000 लोग मारे गए थे।
भट्ट ने मुख्यमंत्री के हवाले से अपने हलफनामे में कहा है, "वक्त मांग है कि मुसलमानों को सबक सिखाया जाए, ताकि इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।"
हलफनामे में कहा गया है, "मुख्यमंत्री ने कहा था कि हिंदुओं का खून उबल रहा है और यह आवश्यक है कि उन्हें अपना गुस्सा उतारने की छूट दी जाए।"
मोदी ने ये बातें उस समय कही थीं, जब अधिकारियों के एक वर्ग ने उनसे कहा था कि रेल अग्निकांड के पीड़ितों के शवों को गोधरा से अहमदाबाद लाए जाने पर केवल भावनाएं भड़केंगी।
भट्ट, फिलहाल जूनागढ़ स्थित स्टेट रिजर्व पुलिस केंद्र के प्रमुख हैं। उन्होंने हलफनामे में कहा, "मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए इन निर्देशों का असर यह था कि 28 फरवरी, 2002 से शुरू हुई सुनियोजित हिंसा की व्यापक घटनाओं से निपटने में पुलिस उदासीन बनी रही और उसने बेमन से काम किया।"
भट्ट उस समय गांधीनगर में राज्य खुफिया ब्यूरो में उपायुक्त थे।