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पश्चिम बंगाल चुनाव : प्रधानमंत्री ने कहा, सत्ता परिवर्तन का समय

23 अप्रैल 2011

कटवा (पश्चिम बंगाल)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन का समय आ गया है और इसके साथ ही उन्होंने राज्य में तृणमूल-कांग्रेस के सत्ता में आने पर औद्योगिक क्रांति और राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार का वादा किया।

मनमोहन सिंह ने यहां बर्दवान जिले में आयोजित एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल उद्योग के मामले में अन्य राज्यों से पिछड़ गया है और कई कारखाने बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि निवेश नहीं आएगा तो लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा।

सिंह ने कहा, "सूचना एवं प्रौद्योगिकी सहित सभी उद्योगों के लिए श्रमशक्ति की भारी मांग है। लेकिन यहां कोई अधोसंरचना नहीं है। इन क्षेत्रों में भारी निवेश की जरूरत है। केवल हमारा गठबंधन ही आवश्यक निवेश ला सकता है.. एक नई औद्योगिक क्रांति।"

अमर्त्य सेन व सुखमय चक्रवर्ती जैसे राज्य के कई चर्चित अर्थशास्त्रियों के साथ काम करने के अपने अनुभव को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने खेद जताया कि राज्य में शिक्षा का स्तर बहुत गिर गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "ये लोग बंगाल में अध्ययन एवं शिक्षण की परम्परा के उदाहरण रहे हैं। लेकिन 2001 की जनगणना के अनुसार, साक्षरता के मामले में बंगाल 18वें पायदान पर था। हाल में सम्पन्न हुई जनगणना के अनुसार यह राज्य और पीछे चला गया है और नागालैंड व मणिपुर जैसे छोटे राज्यों से भी पीछे जाकर 20वें पायदान पर पहुंच गया है।"

सिंह ने कहा कि यदि उनका गठबंधन सत्ता में आया तो राज्य शिक्षा के मामले में आगे बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा, "हमें बहुत कठिन मेहनत करनी होगी। अधोसंरचना और शिक्षकों में सुधार लाने की जरूरत होगी।"

वाम मोर्चा सरकार पर हमला बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जाहिर की और कहा कि यदि तृणमूल-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आया, तो उसका पहला काम राज्य में शांति बहाल करना होगा।

सिंह ने कहा, "कानून-व्यवस्था की स्थिति गम्भीर चिंता का एक विषय है। झारग्राम (पश्चिम मिदनापुर जिला) जैसे कई स्थानों में केंद्रीय बलों को तैनात करना पड़ा है। यदि हम सत्ता में आते हैं तो हमारा पहला काम शांति-व्यवस्था स्थापित करना होगा।"

प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन को राज्य में शासन का एक मौका दें। उन्होंने कहा, "मैं जनता से अपील करता हूं कि वह कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन को राज्य में सरकार बनाने का एक मौका दे। राज्य की जनता ने वाम मोर्चा को 34 वर्षो तक शासन करने का मौका दिया। लेकिन अब बदलाव का समय आ गया है। सोनिया गांधी (कांग्रेस अध्यक्ष) ने मुझे यह संदेश दिया है कि कांग्रेस-तृणमूल को एक मौका दिया जाए।"

प्रधानमंत्री ने अपने 17 मिनट के भाषण में कहा कि राज्य में प्रशासनिक तंत्र बेकार हो गया है। उन्होंने कहा, "उन्हें पता ही नहीं है कि शासन कैसे किया जाए। वे युवाओं की नब्ज नहीं समझ सकते। सरकार के पास उद्योग एवं शिक्षा के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।"

मुस्लिमों की स्थिति पर राजेंद्र सच्चर समिति की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों की बनिस्बत पश्चिम बंगाल में इस समुदाय की दशा बहुत दयनीय है और इसके लिए उन्होंने वाम मोर्चा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

सिंह ने कहा, "सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की भागीदारी बहुत कम है। यदि हम सत्ता में आते हैं तो हम हर व्यक्ति को साथ लेकर विकास के रास्ते पर चलेंगे।"

प्रधानमंत्री ने विकास सम्बंधी केंद्रीय धन का उपयोग करने में विफल रहने के लिए वाम मोर्चा की निंदा की। उन्होंने कहा, "परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार बहुत कमजोर साबित हुई है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम इसका ज्वलंत उदाहरण है। अन्य राज्यों ने यहां की बनिस्बत बहुत अच्छा काम किया है।" कटवा में चौथे चरण के दौरान तीन मई को मतदान होना है।


 


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