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किशोरियों में आयोडीन की कमी का संतान पर भी असर

 
27 अप्रैल 2011

लंदन। किशोरियों में आयोडीन की कम मात्रा खुद उनके स्वास्थ्य को तो बहुत हद तक प्रभावित नहीं करती, लेकिन इससे भविष्य में उनके होने वाले बच्चों पर गहरा असर पड़ सकता है। उनका मानसिक विकास बाधित हो सकता है।

विशेषज्ञों ने ब्रिटेन में एक शोध के बाद यह बात कही। शोध में 700 से अधिक स्कूली छात्राओं को शामिल किया गया, जिनमें से करीब दो-तिहाई लड़कियों में आयोडीन की मात्रा कम पाई गई, जो गर्भ में मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है।

समाचार पत्र 'डेली मेल' ने शोध का उल्लेख करते हुए लिखा है कि आयोडीन की कम मात्रा स्वयं लड़कियों के स्वास्थ्य को सम्भवत: प्रभावित न करे, लेकिन यह भविष्य में उनके होने वाले बच्चों की बुद्धिमत्ता को प्रभावित कर सकती है।

शोध का नेतृत्व करने वाले लंदन के हैम्पस्टीड स्थित रॉयल फ्री अस्पताल में मधुमेह और अंत:स्राविका विभाग के परामर्शदाता चिकित्सक मार्क वैंडरपम्प के मुताबिक किशोर उम्र की लड़कियों में खनिज की मात्रा कम होती है, क्योंकि वे पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं लेती हैं।

उन्होंने चेताया, "आयोडीन की कमी मानसिक दुर्बलता का एक मुख्य कारण है और अध्ययन से मालूम होता है कि यदि मां का थाइरोइड सक्रिय नहीं है तो जन्म लेने वाले बच्चे का आईक्यू 10 से 15 प्वाइंट कम हो सकता है।"


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