29 अप्रैल 2011
भोपाल। मध्यप्रदेश में एक वर्ष के भीतर विद्युत उत्पादन क्षमता में 1103 मेगावॉट वृद्घि की जाएगी। यह दावा सरकार की ओर से किया गया है।
राज्य को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चल रहे प्रयासों के क्रम में यह वित्तीय वर्ष काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। इसकी वजह यह है कि कई इकाइयों में उत्पादन शुरु होने वाला है, जिससे राज्य को पर्याप्त बिजली मिलने लगेगी।
आधिकारिक तौर पर जारी किए गए ब्यौरे में बताया गया है कि सीपत ताप विद्युत गृह के प्रथम चरण में इकाई-1 तथा इकाई-2 में क्रमश: अप्रैल 2011 और अक्टूबर 2011 में उत्पादन शुरू हो जाएगा। इन दोनों इकाइयों में 600-600 अर्थात् 1200 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इसमें से मध्यप्रदेश को 94-94 मेगावॉट अर्थात कुल 188 मेगावॉट बिजली मिलेगी। विन्ध्यांचल ताप विद्युत गृह के पांचवें चरण की शुरूआत मार्च 2012 में होगी, जिससे 500 मेगावॉट बिजली बनेगी। इसमें से मध्यप्रदेश को 200 मेगावॉट बिजली मिलेगी।
इसी प्रकार दामोदर घाटी निगम की चंदपुर की सातवीं और आठवीं इकाई में क्रमश: अप्रैल 2011 तथा अक्टूबर 2011 में उत्पादन शुरू हो जाएगा। दोनों इकाइयों से 500 मेगावॉट बिजली बनेगी, जिसमें से मध्यप्रदेष का हिस्सा 200 मेगावॉट होगा।
एस्सार पावर एमपी लिमिटेड सीधी की इकाई-1में जनवरी 2012 मे उत्पादन शुरु हो जाएगा। इस इकाई में 600 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा, जिसमें से 195 मेगावॉट बिजली मध्यप्रदेश को मिलेगी।
इसके अलावा, महेश्वर जल विद्युत परियोजना की पहली और दूसरी इकाई क्रमश: अप्रैल 2011, तीसरी और चौथी इकाई जुलाई 2011, पांचवी और छठवीं इकाई अक्टूबर 2011 तथा सातवीं और आठवीं इकाई जनवरी 2012 में शुरू होगी। इनसे 400 मेगावॉट बिजली बनेगी, मध्यप्रदेश का हिस्सा 320 मेगावॉट होगा।