30 अप्रैल 2011
मुंबई। 'जब वी मैट' के बाद एक और मजेदार रोड मूवी सिनेमा हॉल में आ चुकी है- 'चलो दिल्ली । जैसा नाम वैसा काम के अनुरूप यह फिल्म भी जयपुर से दिल्ली तक की यात्रा पर आधारित है, जिसमें एक अमीरजादी लड़की मिहिरका मुखर्जी (लारा दत्ता) को मजबूरन दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति मनु गुप्ता (विनय पाठक) के साथ जयपुर से दिल्ली की यात्रा करनी पड़ती है। मिहिरका एक मल्टिनेशनल बैकिंग कंपनी में कन्सल्टेंसी से जुड़ा कार्य करती है और काफी एटीट्यूड वाली लड़की है, जबकि मनु दिल्ली के चॉदनी चौक की पुरानी गलियों में रहने वाला एक मस्तमौला इंसान है, जिसकी करोलबाग में साडि़यों की छोटी सी दुकान है।
दरअसल ये कहानी दो अलग-अलग किस्म के चरित्रों के मेल की कहानी है। मिहिरका कम बोलने वाली और सुख-सुविधाओं की आदी है, जबकि मनु ज्यादा बोलने वाला और परिस्थितियों के साथ तालमेल बैठा कर चलने वाला इंसान है। यही मिश्रण फिल्म में रोचकता का समावेश करता है। मिहिरका मुंबई से दिल्ली आ रही है, अपने पति अक्षय कुमार के साथ्ा अपना बर्थ डे सैलिब्रेट करने। एअर पोर्ट के बुक स्टाल पर उसकी मुलाकात मनु से होती है। किसी कारण वश उसकी फ्लाइट को जयपुर लैंड करना पड़ता है, यहां से मिहिरका को मनु के साथ एक अनचाहा और अनसोचा सफर शुरु करना पड़ता है। दो घंटे में खत्म होने वाली यह सफर लगभग डेढ़ दिन में पूरा होता है जिसमें दोनों टैक्सी, ऊंट गाड़ी, फटफट व पैसेंजर ट्रेन तक को झेलते हैं। शुरु-शुरु में मिहिरका हर समय पान या गुटका चबाने वाले मनु को टपोरी समझती है किन्तु कुछ समय साथ सफर करने के बाद उसे मनु के चरित्र के अन्य गंभीर पहलू भी समझ दिखाई देते हैं।
इस फिल्म का निर्माण लारा दत्ता और उनके पती महेश भूपति की कंपनी भीगी बसंती के तहत हुआ है। इस फिल्म के द्वारा लारा ही नहीं बल्कि उनके पति महेश भी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। यहां यह भी बताते चलें कि इस फिल्म में महेश भूपति ने भी एक कॉमेडियन का छोटा सा रोल किया है। कुल मिलाकर हम यही आशा करते है कि 'भेजा फ्राई' की तरह यह फिल्म भी दर्शकों को अलग तरह का मनोरंजन प्रदान करने में सफल होगी।
एक्टिंग- इस फिल्म में जहां लारा दत्ता ने विनय पाठक जैसे मंझे हुए कलाकार के सामने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए काफी हद तक सफल प्रयास किया है, वहीं विनय पाठक ने अपनी भूकिका के साथ पूरा-पूरा न्याय करके दर्शकों को फिल्म से बांधे रखा है। फिल्म के क्लाइमेंक्स में अक्षय कुमार की उपस्थिति भी प्रभाव छोड़ती है। फिल्म के अंत में लारा को मनु से जो सीख मिलती है व जिससे उसकी जिन्दगी के मायने बदल जाते है, यह देख दर्शक भी भावुक हुए बिना नहीं रह सकता।
डायरेक्शन- 'द ग्रेट इंडियन कॉमेडी शो' में हंसी के माध्यम से अपने डायरेक्शन को मांझने वाले शशांक शाह ने 'चलो दिल्ली' में अपने अनुभव को पूरी तरह कैश किया है। फिल्म में बहुत कम ही ऐसे पल आते हैं, जहां उनके डायरेक्शन की पकड़ कमजोर होती नजर आती है। फिल्म का क्लाइमेक्स मजेदार बना है।
संगीत- याना गुप्ता पर फिल्माया गया गाना लैला में लैला और टाइटल सांग चलो दिल्ली कर्णप्रिय है।
फिल्म : दिल्ली चलो
प्रोडक्शन कंपनी : भीगी बसन्ती
कलाकार : लारा दत्ता , विनय पाठक , याना गुप्ता , गौरव गेरा, अक्षय कुमार
डायरेक्टर : शशांत शाह
प्रड्यूसर : कृश्का लुल्ला
गीत : मंथन, शब्बीर अहमद
संगीत : गौरवदास गुप्ता, आनंद राज आनंद
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए
रेटिंग : 2.5/5