3 मई 2011
वाशिंगटन। ओबामा प्रशासन ने पहले से तय कर लिया था कि वह मुसलमानों की नाराजगी से बचने के लिए अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के शव को दफनाने के लिए इस्लामिक परम्परा का पालन करेगा। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में सामने आई है।
पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अमेरिकी नौसेना के एसईएलएस ने लादेन को मार गिराया था।
'न्यूयार्क टाइम्स' ने कहा है कि अमेरिकी प्रशासन ने यह तय किया था कि बिन लादेन को 24 घंटे के भीतर समुद्र में दफना दिया जाएगा, क्योंकि कोई भी देश उसके शव को स्वीकार करना नहीं चाहेगा। वे यह भी नहीं चाहते थे कि लादेन के अनुयायियों के लिए किसी स्मारक (मजार) की गुंजाइश बची रहे।
इसलिए इस्लामिक परम्परा के अनुसार, लादेन के शव को नहलाया गया और उसे एक सफेद चादर में लपेट दिया गया।
'न्यूयार्क टाइम्स' ने पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा है कि एक वजनी बैग में शव को रख कर उसे विमान वाहक पोत कार्ल विंसन पर ले जाया गया। एक अधिकारी ने तैयार किए गए धार्मिक पंक्तियों का पाठ किया, जिसे एक स्थानीय वक्ता द्वारा अरबी में अनुवाद किया गया था।
उसके बाद शव को एक सीधे पटरे पर रखा गया और उसे समुद्र में उतार दिया गया।
अखबार ने लिखा है कि अमेरिका के इस अति वांछित व्यक्ति की अंतिम यात्रा के गवाह के रूप में केवल वे चंद लोग थे, जो विमानों को उड़ान डेक के पास तक ले जाने वाले विशाल प्लेटफार्म पर खड़े थे।