6 मई 2011
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने राज्य में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक शेखर तिवारी सहित 10 आरोपियों को वर्ष 2008 में औरैया जिले में लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर मनोज गुप्ता की हत्या के मामले में शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। हत्याकांड के साक्ष्य मिटाने के जुर्म में विधायक की पत्नी विभा तिवारी को ढाई साल के कारावास की सजा सुनाई गई।
इस हत्याकांड में औरैया से विधायक तिवारी, उनकी पत्नी विभा और स्थानीय दिबियापुर के थाना प्रभारी होशियार सिंह सहित कुल 11 आरोपी बनाए गए थे।
विशेष अधिवक्ता (अभियोजन पक्ष) आई. बी. सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि अदालत ने सभी 11 आरोपियों को सजा सुनाई। विधायक तिवारी सहित 10 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि विभा को ढाई साल की सजा सुनाई गई। विभा पर हत्याकांड के साक्ष्य मिटाने का दोष साबित हुआ।
गौरतलब है कि 24 दिसम्बर, 2008 को औरैया शहर में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के इंजीनियर मनोज गुप्ता की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।
अदालत ने माना कि ठेके को लेकर हुए विवाद में विधायक तथा उसके समर्थकों ने इंजीनियर की हत्या की। वहीं, पहले इस तरह की बातें सामने आईं थी कि राज्य की मुख्यमंत्री तथा बसपा अध्यक्ष मायावती के जन्मदिन के लिए धन उगाही के कारण हत्या की गई।
इस मामले की सुनवाई पहले औरैया की अदालत में हो रही थी, लेकिन विधायक द्वारा मामला प्रभावित करने की आशंकाओं के बीच इंजीनियर के परिजनों ने मामले की सुनवाई लखनऊ में कराने की गुहार लगाई थी।