8 मई 2011
नई दिल्ली। देश के हर नागरिक को उसकी विशिष्ट आधार संख्या आवंटित की की जा रही है। यह आधार संख्या काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके आवंटन के बाद इस संख्या से ही विभिन्न सरकारी और निजी सेवा हासिल की जा सकेगी।
आधार संख्या आवंटन की शीर्ष एजेंसी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार संख्या आवंटन के लिए देश भर में पंजीयकों को तैनात किया है। इस महत्वपूर्ण अभियान के बीच आईएएनएस ने यह समझने की कोशिश की कि एक व्यक्ति किस प्रकार अपनी आधार संख्या हासिल कर सकता है।
सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के प्रमुख हैं। उनका दर्जा इस पद पर केंद्रीय मंत्री के समान है।
पंजीयक मुख्यत: सरकारी प्रतिष्ठान हैं, जिन्हें आंकड़े जुटाने के लिए विभिन्न एजेंसियों को नियुक्त करना है। इस कार्य के लिए अब तक 200 से अधिक एजेंसियों की बहाली कर ली गई है। इनमें विप्रो, कोमत टेक्न ोलॉजी, अलंकित और वर्गो सॉफ्टेक भी शामिल हैं।
वर्गो सॉफ्टेक के निदेशक अतुल पी. आनंद ने कहा, विशिष्ट पहचान सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक सूचनाएं जैसे आंख की पुतली और उंगलियों के निशान से सम्बंधित आंकड़े लिए जा रहे हैं। इसके अलावा प्राधिकरण ऐसी प्रक्रिया अपनाती है, जिससे सिर्फ विशिष्ट आंकड़े का ही संग्रह हो सकता है।
अधिकारियों ने आंकड़े दर्ज करने की प्रणाली के बारे में समझाते हुए कहा कि आधार संख्या देने की प्रक्रिया के चार मुख्य चरण हैं-पता वाले तथा अन्य दस्तावेजों का सत्यापन, तत्काल लिया गया फोटो, आंख की पुतली और उंगली के निशान। इसके बाद लोगों को एक पावती पत्र दे दी जाती है।
इसके 20-30 दिनों बाद स्पीड पोस्ट से आवेदक के पते पर 12 अंकों वाली आधार संख्या भेजी जाती है। इसके पहले अधिकारी सभी आंकड़ों का सत्यापन करते हैं।
अधिकारी ने कहा कि एक ही तरह के आंकड़े को दो बार दर्ज नहीं किए जा सकते हैं। "यदि आप थोड़ा बदलाव कर आधार संख्या दोबारा हासिल करना चाहते हैं, तो यह नहीं हो सकता। यह इसलिए भी कि आप अपनी आंखों की पुतलियों और उंगलियों के निशान को नहीं बदल सकते। इसलिए एक ही आंकड़े दो बार दर्ज नहीं किए जा सकते।"
इस संख्या को हासिल करने के लिए उम्र की सीमा नहीं है। पांच वर्ष या उससे छोटे बच्चों की आधार संख्या हालांकि उनके माता-पिता की आधार संख्या से जुड़ी रहेगी। 15 वर्ष की उम्र पूरी करने पर सभी सूचनाओं को अद्यतन किया जाएगा, लेकिन संख्या वही रहेंगी।
जिन लोगों को अपनी जन्म तिथि याद नहीं है या जिनके पास जन्म तिथि से सम्बंधित दस्तावेज नहीं हैं। वह अपनी अनुमानित उम्र दर्ज करा सकते हैं।
वर्गो के अधिकारी ने कहा कि नवजात शिशु को भी आधार संख्या आवंटित की जाएगी और उसके जीवन पर्यन्त यही संख्या रहेगी। बायोमेट्रिक या अन्य सूचनाएं हालांकि अद्यतन कर ली जाएंगी।
प्राधिकरण अभी हर दिन डेढ़ लाख लोगों को आधार संख्या आवंटित कर रहा है। अक्टूबर तक इस आंकड़े के रोजाना 60 लाख तक पहुंच जाने का अनुमान है।