9 मई 2011
ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने ग्रेटर नोएडा जा रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया, करीब एक घंटे बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। रविवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों से हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी।
गिरफ्तार किए जाने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा, "यदि मैं मायावती की जगह होता तो तुरंत इस्तीफा दे देता।" मायावती सरकार को किसान विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण नहीं कर सकती। उन्होंने किसानों से लोकतांत्रिक और अहिंसक तरीके से आंदोलन करने की अपील की।
भाजपा राज्य सरकार की नीतियों और किसानों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सोमवार को ग्रेटर नोएडा से आगरा तक सभी जिला मुख्यालयों पर 'काला दिवस' मना रही है। सिंह ने कहा, "हम चाहते हैं कि संसद में जमीन अधिग्रहण विधेयक कानून पर चर्चा होने तक जमीन का जबरन अधिग्रहण नहीं किया जाए। संसद के मानसून सत्र में इस कानून पर विचार होना चाहिए।"
रविवार को किसानों से सहानुभूति जताने भट्टा परसौल गांव जा रहे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मायावती सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "यह जमीन किसानों से बंदूक की नोक पर अधिग्रहित की गई है। जो कुछ हुआ है उसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं।" यादव के भाई शिवपाल यादव को भी ग्रेटर नोएडा जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिग्रहित की गई जमीन के बदले किसान बढ़ा हुआ मुआवजा चाहते हैं। उनका कहना है कि एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए जबरन उनकी जमीन छीन ली गई।
पुलिस अधिकारियों ने हिंसा के लिए किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रविवार को 50,000 रुपये इनाम की घोषणा की। इस हिंसा में अब तक चार लोग मारे गए हैं।
ज्ञात हो कि किसानों का प्रदर्शन शनिवार को उस समय उग्र हो गया था, जब पुलिस ने भट्टा परसौल गांव में ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए गए उत्तर प्रदेश रोडवेज विभाग के तीन कर्मचारियों को मुक्त कराने की कोशिश की थी।