11 मई 2011
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस महासिचव राहुल गांधी के बुधवार सुबह उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में भट्टा पारसौल गांव जाने और वहां प्रदर्शनकारी किसानों से मिलकर सहानुभूति जताने को महज दिखावा करार दिया है। दोनों दलों ने कहा कि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी वास्तव में मिले हुए हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि अगर राहुल और कांग्रेस को किसानों की इतनी ही फिक्र है तो वे मायावती सरकार को संवैधानिक ढंग से काम करने पर क्यों नहीं मजबूर कर रही? यदि कांग्रेस ईमानदारी से कार्रवाई करना चाहती है तो उसे चाहिए कि वह मायावती सरकार को बर्खास्त करे।
शाही ने कहा कि राहुल ने बीते साल अलीगढ़ के टप्पल में किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद वहां जाकर कहा था कि वह प्रधानमंत्री से कहकर अगले संसद सत्र में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लाएंगे। लेकिन उसके बाद संसद के दो सत्र बीत गए, विधेयक नहीं लाया गया।
मुख्य विपक्षी दल सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि राहुल यदि किसानों के इतने ही हमदर्द हैं तो राज्य की बसपा सरकार को क्यों किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहण करने की छूट दी गई है?
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले दो-तीन साल से उत्तर प्रदेश में किसानों पर गोलियां चलाई जा रही हैं और केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि यदि राहुल और केंद्र सरकार किसानों की जमीन छिनने के प्रति संवेदनशील हैं, तो उन्हें मायावती सरकार को बर्खास्त करना चाहिए।
गौरतलब है कि बीते शनिवार को भट्टा पारसौल गांव में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो पुलिसकर्मियों सहित चार लोगों की मौत हो गई थी। प्रदेश के एक कांग्रेसी नेता के मुताबिक राहुल बुधवार सुबह छह बजे भट्टा-पारसौल पहुंचे और अब भी किसानों के बीच मौजूद हैं। गांव जाने के दौरान उन्होंने मुख्य सड़क पर अपना वाहन छोड़ दिया और मोटरसाइकिल से गांव की ओर रवाना हुए।