12 मई 2011
नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के भट्टा-पारसौल गांव में भूमि अधिग्रहण पर किसानों की लड़ाई के राजनीतिक रंग लेने के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को बेहतर मुआवजा देने के लिए गुरुवार को नया कानून बनाने की घोषणा की। वहीं, प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने पूरी घटना को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने गुरुवार को कहा कि किसानों को बेहतर मुआवजा और पुनर्वास सुविधा देने सम्बंधी विधेयक जुलाई में संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "हमें नया भूमि अधिग्रहण कानून अवश्य चाहिए। आम सहमति बनाने में यह काफी समय ले चुका है।"
वहीं, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने पूरे मामले को राजनीतिक षडयंत्र करार दिया और नए भूमि अधिग्रहण कानून में देरी के लिए कांग्रेस को ही दोषी ठहराया।
उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को 'बेचारा' कहा और भट्टा-पारसौल गांव की यात्रा को महज 'ड्रामाबाजी' करार दिया। मायावती ने उन्हें एक ऐसा 'युवराज' बताया, जो नया भूमि अधिग्रहण कानून में देरी पर कुछ नहीं कर सकता।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र रायबरेली में रेल कोच फैक्टरी के लिए ली गई किसानों की कृषि योग्य जमीन पर 'अपर्याप्त मुआवजा' मिलने के बावजूद उन्होंने आंखें बंद कर रखी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "भट्टा पारसौल की घटना को जबरन किसानों के जमीन के मुआवजे से जोड़कर झूठा प्रचार किया जा रहा है। वास्तव में यह जमीन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मास्टर प्लान के तहत किसानों से ली गई है और किसानों को इसका पूरा मुआवजा भी मिल चुका है।"
मायावती ने राहुल गांधी सहित अन्य विरोधी दलों के नेताओं को किसानों की आड़ में कानून-व्यवस्था न बिगाड़ने की चेतावनी भी दी। लेकिन उनकी चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतर आई।
प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़पें भी हुईं। इस दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी को सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया।
लखनऊ के अलावा वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा, मेरठ सहित अन्य शहरों में भी प्रदर्शनकारी कांग्रेसियों की पुलिस से तीखी झड़पें हुईं, जिसके बाद सैकड़ों प्रदशर्नकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इस बीच, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भट्टा-पारसौल गांव में किसानों पर हुए अत्याचार की न्यायिक जांच करवाने की मांग की।
उधर, गाजियाबाद में किसानों के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने भी उपवास की शुरुआत की। लेकिन कुछ ही देर बाद उपवास पर बैठे राजनाथ सिंह सहित अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
इससे पहले लोगों को सम्बोधित करते हुए किसानों की दुर्दशा के लिए उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि उसे 'ड्रामेबाजी' नहीं करनी चाहिए, क्योंकि केंद्र में उसकी अपनी सरकार है और वह चाहे तो भूमि अधिग्रहण सम्बंधी विधेयक संसद से पारित कराकर देश भर के किसानों की इससे जुड़ी समस्याओं का निदान कर सकती है।