17 मई 2011
मुम्बई। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में 98 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस अवधि में बैंक का शुद्ध लाभ 20.88 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही में 1,866 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2010-11 की जनवरी-मार्च तिमाही में पेंशन, ग्रेच्युटी और गैर निष्पादित परिसंपत्तियां सहित बैंक का कुल प्रावधान बढ़कर 7,420.89 करोड़ हो गया।
विश्लेषकों के अनुमान की तुलना में बैंक के शुद्ध लाभ में कहीं अधिक गिरावट आने का बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों वाले सूचकांक सेंसेक्स पर नकारात्मक असर देखा गया।
दोपहर के कारोबार में एसबीआई के शेयर में आठ फीसदी तक की गिरावट देखी गई, जिससे सेंसेक्स में 250 अंकों से अधिक की गिरावट हुई और यह 18,084.67 के निम्नतम स्तर पर चला गया। इसके बाद बाजार थोड़ा संभला।
बीएसई में एसबीआई के शेयर 7.78 फीसदी की गिरावट के साथ 2,413.60 रुपये पर बंद हुए।
आलोच्य अवधि में बैंक को ब्याज से हुई आय में वृद्धि हुई और यह बढ़कर 21,721.35 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछल कारोबारी साल की समान तिमाही में 17,965.59 करोड़ रुपये थी।
पूरे वित्त वर्ष 2010-11 के समेकित शुद्ध लाभ में 9.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 8,264.52 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 9,166.05 करोड़ था।
वित्त वर्ष 2010-11 में बैंक की ब्याज से हुई आय बढ़कर 81,394.36 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछल कारोबारी साल में 70,993.2 करोड़ रुपये थी।
बैंक ने मंगलवार को अपने हर शेयर पर 30 रुपये का लाभांश देने की घोषणा की।