21 मई 2011
नई दिल्ली। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में जमानत याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तार की गईं द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की राज्यसभा सदस्य कनिमोझी को शुक्रवार को तिहाड़ जेल भेज दिया गया। कांग्रेस का कहना है कि इसका केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कहना है कि यह गिरफ्तारी इसलिए हो पाई, क्योंकि इस मामले की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय कर रहा है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद कनिमोझी और उनके निकट सहयोगी कलैगनार टीवी के प्रमुख शरद कुमार को शुक्रवार को तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
उप महानिरीक्षक (कारावास) आर.एन. शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "कनिमोझी तिहाड़ के जेल नम्बर छह में हैं जो महिला सेल है। उन्हें वार्ड नम्बर आठ में एक अलग कमरे में रखा गया है।"
शर्मा ने कहा कि कनिमोझी को कोई खास तवज्जो नहीं दी जाएगी। वह अन्य विशिष्ट व्यक्तियों की तरह ही जेल के नियमों का पालन करेंगी। उन्होंने बताया, "उन्हें शौचालय युक्त एक अलग कमरा दिया गया है। कमरे में टेलीविजन, पंखे और प्रकाश की व्यवस्था है। वह दक्षिण भारतीय खाना खा सकती हैं। यह विशेष अनुमति नहीं है।"
अधिकारी ने बताया कि नियम के मुताबिक वह एक सप्ताह में दो बार अपने रिश्तेदारों से मिल सकेंगी। न्यायालय ने कनिमोझी को अपने साथ जेल में दवाएं, किताबें, चश्मा ले जाने की अनुमति दी है। उन्हें घर से भोजन मंगाने की भी अनुमति दी गई है। लेकिन जेल में नाक में सोने की लौंग पहने रहने की उनकी अपील ठुकरा दी गई।
कनिमोझी तिहाड़ जेल में बंद उन हस्तियों में शुमार हो गईं जो पहले से ही यहां हवा काट रहे हैं। पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा, राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाडी और आयोजन समिति के अन्य वरिष्ठ अधिकारी पहले से ही मौजूद हैं।
इससे पूर्व अदालत के खचाखच भरे कक्ष में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने कहा, "दोनों जमानत याचिकाएं (कनिमोझी और शरद कुमार की) खारिज की जाती हैं। न्यायालय के आदेश के मुताबिक उन्हें तुरंत हिरासत में लिया जाए।"
न्यायाधीश ने कहा, "अपराध की जटिलता, प्रकृति एवं आरोप की भयावहता, रिकार्ड में दर्ज सबूत के स्वरूप तथा समझ से लगता है कि आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिए जाने से वे इस मामले के साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं। मुझे यह बताने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि दोनों आरोपी प्रथम दृष्टया जमानत पाने में विफल रहे हैं। जमानत याचिका बिना किसी तथ्य की है, जिसे खारिज किया जाता है।"
पति अरविंदन के साथ न्यायालय पहुंचीं 43 वर्षीय कनिमोझी नारंगी रंग की सलवार-कुर्ता पहने हुई थीं। फैसला सुनने के बाद वह सहज बने रहने की कोशिश कर रही थीं और बाद में उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, "मुझे इसी तरह के फैसले की उम्मीद थी।"
कनिमोझी को जब पटियाला हाउस अदालत की हवालात में ले जाया जा रहा था, उस वक्त उनकी पार्टी सहयोगी एवं सुरक्षाकर्मी एक-दूसरे को पकड़कर रो पड़े। निर्णय सुनाए जाने के दौरान सह-आरोपी और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा हतप्रभ नजर आए।
ज्ञात हो कि कनिमोझी और शरद कुमार का नाम सीबीआई द्वारा 25 अप्रैल को दायर किए गए पूरक आरोपपत्र में सह-आरोपी के तौर पर शामिल किया गया था। सीबीआई ने यह आरोपपत्र घोटाले से सम्बंधित 214 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण का पता लगने के बाद दायर किया था।
कनिमोझी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि इस घटनाक्रम का केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह वैयक्तिक मामले में चल रही न्यायिक प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी करे।
सिंघवी ने कहा, "यह मामला सम्बंधित आरोपी, सम्बंधित अदालत और सम्बंधित वकील के बीच का है..आप समझ सकते हैं कि यह वैयक्तिक मामला जांच एजेंसी और आरोपी के बीच का होने के कारण इसका गठबंधन से कोई लेना-देना नहीं है, यह पूर्व में जैसा था वैसा ही रहेगा।"
उल्लेखनीय है कि केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग में डीएमके एक बड़ी साझेदार है। इस पार्टी के 18 सांसद हैं, जिनमें से दो कैबिनेट मंत्री हैं।
वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि कनिमोझी की गिरफ्तारी इसलिए हो पाई, क्योंकि करोड़ों रुपये के 2जी घोटाला मामले की निगरानी सर्वोच्च न्यायालय कर रहा है।
पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, "2जी स्पेक्ट्रम मामले की सीबीआई 2008 से ही 13 महीने तक जांच करती रही लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आया था।"
भाजपा ने यह मांग भी की कि सर्वोच्च न्यायालय को इसी तरह राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में हुए भ्रष्टाचार के आरोपों की निगरानी भी करनी चाहिए।