23 मई 2011
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि उन्हें सबसे बड़ी निराशा इस बात से है कि वह बायोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जैसे देश के प्रमुख सर्वेक्षण संस्थानों को स्वायत्त नहीं बना पा रहे हैं।
रमेश जैव विविधता के संरक्षण से सम्बंधित विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह लगातार इन संस्थाओं को स्वायत्त बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन संस्थाओं में बदलाव करना इतना कठिन है कि वह चाहते हैं कि ये संस्थाएं मंत्रालय से स्वायत्त हो जाएं। दोनों संस्थानों के वैज्ञानिक समुदाय इसके लिए लेकिन तैयार नहीं हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें दो सालों में सबसे अधिक निराशा इसी बात को लेकर है। उन्होंने कहा, "ये दोनों संस्था जवाबदेह नहीं बनना चाहते हैं। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे अलग तरीके से सोचें। ये वैज्ञानिक संस्थान हैं इसलिए वे सरकारी विभाग की तरह नहीं सोचें।"