26 मई 2011
चण्डीगढ़। हरियाणा सरकार ने वर्ष 2010-11 के दौरान जल और वायु प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने पर 639 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का आदेश दिया है।
राज्य के पर्यावरण एवं वन मंत्री अजय सिंह यादव ने बताया कि फरीदाबाद और कुरुक्षेत्र की विशेष पर्यावरण अदालतों में 151 अन्य औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सुनवाई चल रही है।
यादव ने कहा कि जल व वायु प्रदूषण मानदंडों को कड़ाई से लागू किया जा रहा है। इसकी वजह से राज्य में 9,239 औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण नियंत्रक उपकरण लगाने पड़े हैं।
उन्होंने कहा, "प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाए बिना किसी इकाई को स्थापित करने की इजाजत नहीं दी जाती है। पर्यावरण से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया है।"
उन्होंने कहा कि अत्यधिक प्रदूषण वाले 17 श्रेणियों के औद्योगिक इकाइयों को ऑनलाइन निगरानी केंद्र स्थापित करने का आदेश दिया गया है जिससे हवा उत्सर्जन के मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही इन पर हमेशा निगरानी बरती जा सके।
उन्होंने बताया, "पाला और बदरपुर गांवों में यमुना नदी पर अंतर्राज्यीय निगरानी केंद्र स्थापित किया जाएगा। इससे नदी में प्रदूषण स्तर का पता लगाया जा सकेगा।"
यादव ने बताया कि 'हरियाणा राज्य प्रदूषण बोर्ड' के अधिकारी नियमित तौर पर छानबीन करते रहते हैं और प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं।
राज्य सरकार ने प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है। साथ ही राज्य में इसके निर्माण, बिक्री, वितरण और भण्डारण पर भी रोक लगाई है।
यादव ने कहा, "वर्ष 2009-10 के दौरान 837 चालान जारी किए थे। वहीं वर्ष 2010-11 में यह तादाद बढ़कर 3,777 तक पहुंच गई। प्लास्टिक बनाने वाली चार इकाइयों के खिलाफ बंद का आदेश जारी किया गया है।"