27 मई 2011
चेन्नई। वर्ष 2009 में फाइनल खेल चुकी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और मौजूदा उपविजेता मुम्बई इंडियंस टीमों के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चौथे संस्करण का दूसरा क्वालीफायर मुकाबला शुक्रवार को एम.ए. चिदम्बरम स्टेडियम में खेला जाएगा।
रॉयल चैलेंजर्स पहले क्वालीफायर में चेन्नई सुपर किंग्स के हाथों हारने के बाद फाइनल के लिए दूसरी बार अपनी चुनौती पेश करेगी जबकि मुम्बई इंडियंस एकमात्र एलिमिनेटर मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स पर रोमांचक जीत के साथ यहां तक पहुंची है।
लीग स्तर पर रॉयल चैलेंजर्स ने बेशक मुम्बई इंडियंस से बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन सुपर किंग्स के हाथों पहला क्लावीफायर मुकाबला हारकर वह इस बढ़त को गंवा चुकी है। दूसरी ओर, मुम्बई इंडियंस ने अंतिम ओवर तक खिंचे मुकाबले में जिस अंदाज में नाइट राइडर्स को हराया था, उसके कारण अब उसका पलड़ा भारी नजर आने लगा है।
कहा जाता है कि क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है और इसका ट्वेंटी-20 स्वरूप तो हमारे सामने असम्भावनाओं की पराकाष्ठा पेश करता है। इस लिहाज से यह कहना कि शुक्रवार को चिदम्बरम स्टेडियम में जीत किसकी होगी, बेमानी होगा।
सुपर किंग्स ने अंतिम ओवर तक खिंचे मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स को हराया था। यह अलग बात है कि रॉयल चैलेंजर्स के गेंदबाज 175 रनों की चुनौती का सामना नहीं कर सके थे। मुम्बई इंडियंस ने भी अंतिम ओवर में जीत हासिल की थी। उसके साथ अच्छी बात यह है कि उसके गेंदबाजों ने नाइट राइडर्स को अपेक्षाकृत कम स्कोर पर समेटा था।
इस लिहाज से शुक्रवार को रॉयल चैलेंजर्स को जहां अपनी गेंदबाजी में सुधार लाना होगा वहीं मुम्बई इंडियंस के गेंदबाजों को अपना मौजूगा फार्म बरकरार रखना होगा। रॉयल चैलेंजर्स की चुनौती मुख्य रूप से क्रिस गेल पर टिकी होगी वहीं मुम्बई इंडियंस की चुनौती लसिथ मलिंगा और मुनाफ पटेल जैसे गेंदबाजों पर आश्रित होगी।
बल्लेबाजों में दोनों टीमों के पास गहराई है लेकिन गेंदबाजी में मुम्बई इंडियंस का पलड़ा भारी है। ऐसे में मुम्बई इंडियंस के गेंदबाज सबसे पहले गेल का विकेट लेकर रॉयल चैलेंजर्स की रणनीति को नेस्तानाबूत करना चाहेंगे। गेल को आउट करने के लिए मुम्बई इंडियंस को उसी रणनीति पर चलना होगा, जिसके तहत सुपर किंग्स ने उन्हें सस्ते में निपटाया था।
सचिन तेंदुलकर को याद रखना होगा कि सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने मैच से पहले कहा था कि गेल को आउट करने के लिए उनकी टीम की पूरी रणनीति लग सकती है लेकिन अगर वह सफल नहीं हुई तो गेल उनकी टीम को बाहर कर देंगे। इसी सोच के साथ सचिन की टीम को भी मैदान में उतरना होगा।
मुम्बई इंडियंस 2010 की उपविजेता की हैसियत से खेलते हुए एक बार फिर फाइनल में जगह बनाना चाहेगी जबकि रॉयल चैलेंजर्स 2009 की सफलता को दोहराते हुए फाइनल में सुपर किंग्स से भिड़ना चाहेगी। 2009 में रॉयल चैलेंजर्स को डेक्कन चार्जर्स के हाथों हार मिली थी जबकि 2010 में मुम्बई इंडियंस को सुपर किंग्स ने हराया था।