28 मई 2011
चण्डीगढ़। पाकिस्तानी जेलों में करीब 27 साल काटने के बाद गोपाल दास पिछले महीने ही अपने देश लौटे हैं। अब 52 वर्षीय गोपाल रविवार को अपने से 15 साल छोटी शिमला की एक लड़की से विवाह करने जा रहे हैं।
गोपाल के बड़े भाई आनंद वीर दास ने शनिवार को बताया, "यह शादी परिवार वालों की इच्छा से हो रही है, हम सादा समारोह चाहते हैं। जिस लड़की से विवाह हो रहा है वह मेरी पत्नी की रिश्तेदार है।" नजदीक ही स्थित पंचकुला शहर के एक गुरुद्वारे में यह विवाह सम्पन्न होगा।
उन्होंने बताया, "विवाह दोपहर में होगा और हमने बहुत थोड़े से मेहमानों को ही आमंत्रित किया है। इसके बाद यहां हमारे चंडीमंदिर स्थित घर में एक छोटी सी पार्टी दी जाएगी। वित्तीय समस्या के कारण हम बड़ी पार्टी नहीं दे सकते।"
वैसे खुद गोपाल अपने विवाह की कोई चर्चा करने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा, "मैं कुछ निजी कार्यो में बहुत व्यस्त हूं और इस समय कोई बात नहीं कर सकता।"
जब 1984 में गोपाल को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था उस समय उनकी उम्र सिर्फ 25 साल थी। उन पर जासूस होने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने अपनी जिंदगी के अगले 27 साल पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बिताए।
गोपाल को इस साल के अंत में रिहा किया जाना था लेकिन पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मानवीय आधार पर 27 मार्च को उन्हें रिहा किए जाने की घोषणा की। दरअसल पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को मोहाली में 30 मार्च को होने वाले विश्व कप क्रिकेट के भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सेमी फायनल मैच को देखने के लिए आना था, जिसे ध्यान में रखते हुए यह घोषणा की गई थी।
गोपाल सात अप्रैल को अटारी-वाघा सीमा चौकी से होते हुए भारत पहुंचे। वहां से वह पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित अपने पैतृक गांव भेनी मिया खान पहुंच गए।
गोपाल ने अपने रिहा होने के बाद उनकी रिहाई के लिए भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कोई प्रयास न किए जाने के लिए उनकी आलोचना की थी।