HindiLok Mobile edition
मुख्य पृष्ठ | राशिफल | खेल | बॉलीवुड

सरकार ने काले धन पर अध्ययन शुरू किया

29 मई 2011    

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि काले धन की उत्पत्ति के कारणों का पता लगाने और इस धन को मुख्य अर्थव्यवस्था में वापस लाने के तरीके सुझाने के लिए अध्ययन शुरू किया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मार्च में मंजूर किया गया यह अध्ययन सितम्बर 2012 में पूर्ण होगा।

वित्त मंत्रालय के अंतर्गत तीन स्वायत्त संस्थानों नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एण्ड पॉलिसी, राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च यह अध्ययन कर रहे हैं।

इससे पहले भारतीयों के पास 500 अरब डॉलर से 1,400 अरब डॉलर तक का काला धन होने का अनुमान लगाया गया है।

ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी ने विदेशों में भारतीयों का 462 अरब डॉलर धन जमा होने का अनुमान लगाया है।

बयान में कहा गया, "यह अनुमान सत्यापन योग्य नहीं है और सटीक नहीं हैं। सरकार ने इन संस्थानों को सही अनुमान लगाने के लिए अध्ययन शुरू करने को कहा है ताकि देश में मौजूद और देश से बाहर मौजूद भारतीयों के अवैध धन का पता लगाया जा सके।"

इस अध्ययन में अवैध धन और काले धन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों, क्षेत्रों और तरीकों की भी पहचान की जाएगी और इसे वैध बनाए जाने के तरीकों का भी पता लगाया जाएगा।

इस अध्ययन में विदेशी बैंकों में जमा किए गए भारतीयों के धन को वापस लाने के तरीके भी सुझाए जाएंगे।

भ्रष्टाचार करने वाले लोगों और विदेशों में पैसा जमा कराने वालों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार पर पिछले दिनों काफी दबाव बना था। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ 97 घंटे तक चले अनशन को देश में भारी समर्थन मिला था।

इससे पहले शनिवार को सरकार ने अवैध धन जमा करने के खिलाफ कानूनों को मजबूत करने और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के तरीके प्रस्तुत करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के प्रमुख की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।

 


Home | About Us | Feedback | Privacy Policy | Terms