31 मई 2011
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने के प्रावधान की सामाजिक संगठनों की मांग का मंगलवार को समर्थन किया।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह चाहते हैं कि इस पद को लोकपाल के दायरे में लाया जाए।
स्वराज ने संवाददाताओं से कहा, "अटलजी के समय में उन्होंने स्वयं कहा था कि वह चाहते हैं कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाए।"
कुछ ऐसी ही बात पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने भी कही। उन्होंने कहा कि जब सम्पर्क किया जाएगा तो भाजपा सरकार को अपने विचार से अवगत कराएगी।
उन्होंने कहा, "वाजपेयी ने स्वयं कहा था कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। लेकिन जब सरकार सुविचारित तरीके से हम से बात करेगी तब हम अपनी बात रखेंगे।"
उल्लेखनीय है कि सोमवार को नई दिल्ली में हुई लोकपाल मसौदा समिति की बैठक मंत्रियों एवं सामाजिक संगठनों के सदस्यों के बीच मतभेद के साथ खत्म हुई थी। सरकार के प्रतिनिधियों का कहना था कि प्रधानमंत्री, न्यायपालिका तथा सांसदों को प्रस्तावित लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए।