HindiLok Mobile edition
मुख्य पृष्ठ | राशिफल | खेल | बॉलीवुड

अफरीदी के सन्यास से पीसीबी की मुश्किलें बढ़ी

31 मई 2011

कराची। पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पाकिस्तान के खेल मंत्री सहित आम लोगों और यहां तक की मीडिया ने इसके लिए पीसीबी को दोषी ठहराया है।

अफरीदी को खेल मंत्री शौकतुल्लाह खान, आम लोगों और मीडिया का जोरदार समर्थन मिला है। इन सबका मानना है कि पीसीबी के दबाव के कारण ही अफरीदी ने संन्यास की घोषणा की है।

अफरीदी ने इसे लेकर समाचार पत्र 'द न्यूज' से कहा था, "मैं ऐसे किसी तंत्र का हिस्सा बनकर नहीं रह सकता, जहां मुझे सम्मान न मिलता हो।" अफरीदी ने पीसीबी के खराब व्यवहार से तंग आकर संन्यास लेने को बाध्य होने का संकेत दिया।

अफरीदी ने कहा, "मैंने एक कप्तान के तौर पर टीम में एकता स्थापित करने की सोची। मैं चाहता था कि मैच फिक्सिंग स्कैंडल के बाद बिखरी टीम एकता के सूत्र में बंधे। मैंने टीम को विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाया और फिर वेस्टइंडीज में एकदिवसीय श्रृंखला जिताई। इसके बावजूद मुझसे कप्तानी छीन ली गई। मुझे किसी ने यह नहीं बताया कि आखिर मेरी कप्तानी क्यों छीनी गई।"

अफरीदी को 19 मई को कप्तानी से हटाया गया था लेकिन आयरलैंड के साथ खेली गई दो मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए उन्हें टीम में बरकरार रखा गया। इसके बाद अफरीदी ने पिता के इलाज के नाम पर आयरलैंड जाने से इंकार कर दिया।

वेस्टइंडीज से लौटने के बाद अफरीदी ने कोच वकार यूनुस की आलोचना की थी। इस मामले में वह पीसीबी अध्यक्ष एजाज बट्ट से मिलना और अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन उन्हें बट्ट से मिलने का मौका नहीं मिला। इसके इतर उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया और आचार संहिता के उल्लंघन के लिए दोषी माना गया।

इस बीच, बट्ट ने कहा है कि वह अफरीदी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने से नहीं रोक रहे हैं लेकिन उनकी कप्तानी अब वापस नहीं मिल सकती क्योंकि कप्तानी से हटाए जाने के पीछे पीसीबी के पास अफरीदी के खिलाफ ठोस सबूत हैं।

 

 


Home | About Us | Feedback | Privacy Policy | Terms