31 मई 2011
वाशिंगटन। मिस्र के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने स्वीकार किया है कि देश में एक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार महिलाओं का 'कौमार्य परीक्षण' कराया गया। सेना ने हालांकि इससे पहले इंकार किया था।
वेबसाइट 'सीएनएन डॉट काम' के मुताबिक मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में महिलाओं ने उनका 'कौमार्य परीक्षण' कराए जाने का आरोप लगाया है। यह रिपोर्ट गत नौ मार्च के प्रदर्शन के कई सप्ताह बाद प्रकाशित हुई है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार की गई महिलाओं को पीटा गया, उन्हें बिजली के झटके दिए गए, उनके अन्त: वस्त्रों की तलाशी ली गई और उन्हें वेश्यावृत्ति में फंसाने की धमकी दिए जाने के साथ ही कौमार्य परीक्षण कराने के लिए बाध्य किया गया।
महिलाओं की गिरफ्तारी के समय मेजर अमर इमाम ने कहा था कि 17 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया लेकिन उन्होंने 'कौमार्य परीक्षण' के आरोपों से इंकार किया।
वेबसाइट के मुताबिक पहचान गोपनीय बनाए रखने की शर्त पर एक जनरल ने अब कहा है कि महिलाओं का 'कौमार्य परीक्षण' कराया गया।
जनरल ने कहा, "जिन लड़कियों को हिरासत में लिया गया वे न तो आपकी पुत्रियां थीं न मेरी। ये लड़कियां तहरीर चौक पर शिविरों में पुरुष प्रदर्शनकारियों के साथ पाई गईं और शिवरों में हमें शराब और नशीले पदार्थ मिले।"
सैन्य अधिकारी ने बताया कि 'कौमार्य परीक्षण' इसलिए कराया गया ताकि ये महिलाएं बाद में यह दावा न करें कि मिस्र के अधिकारियों ने उनका बलात्कार किया।
वहीं, महिलाओं में से एक सलवा हुसैनी (20) ने रिपोर्ट में कहा है, "वे हम लोगों को एक सबक सिखाना चाहते थे। वे हमें यह अनुभव कराना चाहते थे कि हमारी कोई मर्यादा नहीं है।"