02 मई 2011
नई दिल्ली। नई दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उद्योगपति रतन टाटा और अनिल अम्बानी को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामले में सह-आरोपी बनाने के लिए दायर की गई दो अलग-अलग याचिकाओं को खारिज कर दिया। साथ ही दोनों याचिकाओं के लिए याचिकाकर्ताओं को अलग-अलग 10,000 रुपये का शुल्क भी लगाया।
एक याचिका में रतन टाटा के साथ कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया को जबकि दूसरे में अम्बानी के साथ तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल को सह-आरोपी बनाने की अपील की गई थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने कहा, "याचिकाओं में कोई दम नहीं है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।"
उन्होंने कहा कि इस तरह की याचिकाओं से समय की बर्बादी होती है और अदालत का खर्च बढ़ता है।
अदालत ने दोनों याचिका लगाने वालों को तीन दिनों के अंदर शुल्क जमा करने का आदेश दिया।
उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद के एक कबाड़ी कारोबारी धर्मेद्र पांडे ने एक याचिका के जरिए सीबीआई से 2जी मामले में रतन टाटा और नीरा राडिया के खिलाफ जांच करने का अनुरोध किया था। दूसरी याचिका इसी शहर के एक चिकित्सक डी. फर्कुआन ने लगाई थी, जिसमें उन्होंने अम्बानी और दयालु अम्माल पर भी ऐसी ही जांच का अनुरोध किया था।
न्यायाधीश ने ताज्जुब प्रकट किया कि जब मामले की जांच जारी है और तीसरा आरोप पत्र दाखिल किया जाना बाकी है, तब ये याचिकाएं क्यों लगाई गईं।