7 जून 2011
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में करीब छह साल बाद वापसी हो गई है। उमा भारती को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर आरोप लगाने के कारण वर्ष 2004 में पार्टी से निकाल दिया गया था। पिछले कई दिनों से उमा की वापसी की अटकलें लगाई जा रही थी।
दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भारती की पार्टी में वापसी की घोषणा की।
गडकरी ने कहा, "उमा भारती को पार्टी में दोबारा शामिल करने का फैसला आम सहमति से लिया गया है। वह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए काम करेंगी। अगामी विधानसभा के चुनाव में वह प्रचार में भाग लेंगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या मसले पर न्यायालय के फैसले से राम मंदिर बनाने का जो मार्ग प्रशस्त हुआ है उसे उमा भारती आगे बढ़ाएंगी।
इसके बाद उमा भारती ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा से की थी और करीब 15 साल तक भाजपा में रहने बाद उन्होंने पार्टी छोड़ा था। इन पांच-छह सालों जो भी कटुता था उसे उन्होंने भुला दिया है और वह पार्टी अध्यक्ष की आशाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेंगी। वे उत्तर प्रदेश के अलावा गंगा नदी को साफ करने के भी अभियान में हिस्सा लेंगीं।
भारती ने कर्नाटक के हुबली के ईदगाह मैदान पर तिरंगा फहराने के आंदोलन में हिस्सा लिया था और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकला था। वारंट के चलते उन्होने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनवाया था। इसके बाद उमा भारती के भाजपा के साथ मतभेद बढ़ते गए और पार्टी ने उमा को बाहर का रास्ता दिखा दिया। उमा भारती ने भारतीय जनशक्ति पार्टी बनाई लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली।