12 जून 2011
कोलकाता/नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले योग गुरु बाबा रामदेव की अगवानी करने हवाई अड्डे पहुंचे केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने रविवार को उन्हीं पर जमकर बोला और साथ ही गांधीवादी विचारक अन्ना हजारे को भी निशाना बनाया। रामदेव व हजारे के आंदोलनों के पीछे उन्होंने साम्प्रदायिक ताकतों का हाथ बताया।
प्रणब ने कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "संविधान ने सिर्फ संसद और राज्य विधानसभाओं को कानून बनाने का अधिकार दिया है। यदि 5000 और 6000 लोग संसद के बाहर इकट्ठे होकर तानाशाही बरतने लगें, इससे लोकतंत्र कमजोर होगा।"
उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव व अन्ना हजारे के अनशनों का भाजपा लाभ लेने की कोशिश कर रही है। हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में मतदाताओं ने उन्हें खारिज कर दिया, लेकिन अब वे मौजूदा परिस्थियों से उपजे परिदृश्य का लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रणब ने कहा, "बाबा रामदेव के अभियान को आरएसएस का समर्थन हासिल था। आरएसएस ने साजोसामान के साथ रामदेव के अनशन का समर्थन किया। दरअसल, मालेगांव विस्फोट में उसके नेताओं का सामने आने और इस सिलसिले में कांग्रेस महाधिवेशन में पारित प्रस्ताव के खिलाफ कांग्रेस से वह बदला लेना चाहता है।"
अन्ना हजारे द्वारा केंद्र सरकार को लोकपाल विधेयक के लिए 15 अगस्त का अल्टीमेटम दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह विधेयक संसद के अगले मानसून सत्र में पेश कर दिया जाएगा।
प्रणब ने रविवार को इससे पहले बाबा रामदेव के अनशन तोड़ने के निर्णय का स्वागत किया। योग गुरु पिछले नौ दिनों से भ्रष्टाचार एवं काले धन के खिलाफ अनशन पर थे।
मुखर्जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर इस तरह के आंदोलनों को मदद मुहैया कराकर सरकार के लिए संकट पैदा करने का आरोप लगाया।
मुखर्जी से जब बाबा रामदेव के अनशन तोड़ने पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, "कोई व्यक्ति यदि किसी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करता है तो मुझे उससे कोई समस्या नहीं है। लेकिन भगवान का शुक्र है कि उन्होंने अनशन तोड़ दिया।"
मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, "हम 2009 से ही यह रुझान देख रहे हैं कि ये राजनीतिक पार्टियां संसदीय प्रक्रिया को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने संसद के हर सत्र में गतिरोध पैदा करने का निश्चय किया है।"
मुखर्जी ने रविवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की ओर से जारी एक पुस्तिका का विमोचन किया। इसमें लोकपाल विधेयक से लेकर काले धन जैसे विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के विचार शामिल हैं।