28 जून 2011
पुणे/नई दिल्ली। वरिष्ठ गांधीवादी अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि सशक्त लोकपाल विधेयक के लिए 16 अगस्त से प्रस्तावित अनशन से पहले वह सभी दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे जो बुधवार से शुरू होगी।
पुणे यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट द्वारा आयोजित 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम में यहां मंगलवार शाम अन्ना हजारे ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि अगले कुछ दिनों में मेरी सोनिया गांधी (कांग्रेस अध्यक्ष) तथा अन्य दलों के नेताओं से मुलाकात होगी।"
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में हमें हर किसी से बात करनी चाहिए, उनकी विचारधारा का ध्यान किए बिना।"
अन्ना हजारे ने कहा कि वह और उनकी टीम के सदस्यों ने विभिन्न धार्मिक समूहों सहित अन्य संगठनों के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी संदेश भेजा है।
प्रधानमंत्री के पद को लोकपाल के दायरे में लाने की उनकी मांग पर प्रधानमंत्री की ओर से कोई जवाब न आने का जिक्र करने पर अन्ना हजारे ने कहा, "मनमोहन सिंह भयभीत नहीं हैं। वह रिमोट कंट्रोल के अधीन हैं, इसलिए उन्होंने हमारे अनुरोध का जवाब नहीं दिया।"
अन्ना हजारे ने हालांकि दोहराया कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह राष्ट्रीय राजधानी में 16 अगस्त से प्रस्तावित अनशन से पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, "सरकार लाठी चलवाए या गोली, मुझे कोई भय नहीं है। यदि वे जंतर मंतर या राजघाट पर बैठने की अनुमति नहीं देंगे तो मैं जेल में अपना अनशन जारी रखूंगा। मैं देश की खातिर बलिदान देने को तैयार हूं। देश के लिए शहीद होने पर मुझे गर्व होगा।"
इससे पहले नई दिल्ली में कहा गया कि अन्ना हजारे की टीम लोकपाल विधेयक के मसौदे पर समर्थन जुटाने के लिए एक जुलाई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य नेताओं से मुलाकात करेगी।
समाजिक संगठन की सदस्य किरण बेदी ने एक समाचार चैनल को बताया कि उन्हें भाजपा नेता आडवाणी ने बुलाया है और वह अन्ना हजारे के साथी एक जुलाई को उनसे मुलाकात करेंगी।
ज्ञात हो कि अन्ना हजारे के नेतृत्व में समाजिक संगठनों के पांच सदस्य और केंद्र सरकार के पांच मंत्री संयुक्त रूप से पिछले दो महीने से लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने में जुटे हुए थे लेकिन मसौदे को लेकर में एक राय नहीं बन सकी।
बेदी ने कहा, "टीम आडवाणी ने टीम अन्ना को एक जुलाई को अपना जन लोकपाल विधेयक का मसौदा प्रस्तुत करने के लिए बुलाया है। हम उनसे मिलेंगे।"
उन्होंने कहा कि हम जन लोकपाल विधेयक का अपना मसौदा और सरकार का मसौदा उनके सामने रखेंगे और उनकी राय जानने की कोशिश करेंगे।
मसौदा समिति के सदस्य संतोष हेगड़े ने कहा कि सामाजिक संगठन के सदस्य राजनीतिक पार्टियों से मिलकर अपना पक्ष रखने का प्रयास कर रहे हैं।