3 जुलाई 2011
श्रीनगर। बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए अभी तक करीब ढाई लाख रजिस्ट्रेशन करा चुके है लेकिन खराब मौसम बार-बार यात्रा में मुश्किलें खड़ी कर रहा है। 29 जून से शुरु हुई इस पवित्र यात्रा को रविवार सुबह खराब मौसम और जमीन खिसकने के कारण फिर रोक देना पड़ा।
एक अधिकारी ने कहा, "बालतल आधार शिविर से जाने वाले रास्ते में कुछ स्थानों पर भूस्खलन के कारण रविवार सुबह से तीथयात्रियों को आधार शिविर से अमरनाथ गुफा की ओर जाने से रोक दिया गया है।"
बालताल से एक वरिष्ठ अधिकारी ने फोन पर बताया, "चट्टाने हटाने और मौसम सुधरने के बाद यात्रियों को आगे भेजने के बारे में फैसला लिया जाएगा।"
अधिकारी ने कहा कि हेलीकॉप्टर से पवित्र गुफा तक पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को वहां जाने की अनुमति दी है।
अधिकारी के मुताबिक बालताल से पवित्र गुफा तक संचालित होने वाली हेलीकॉप्टर सेवा रविवार को सामान्य रूप से संचालित हो रही है। हर रोज करीब 800 लोग हेलीकॉप्टर से मंदिर पहुंच सकते हैं।
पहलगाम आधार शिविर से मिली रपट में भी कहा गया है कि खराब मौसम के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई। पहलगाम में एक वरिष्ठ अधिकारी के कहा कि मौसम सुधरने के बाद यात्रियों के आगे भेजने पर फैसला लिया जाए।
जम्मू कश्मीर में मौजूद 13,500 फुट लंबी बाबा अमरनाथ की गुफा में शंकर जी के बर्फ से बनने वाले लिंग के दर्शन को लाखों लोग हर साल यहां पहुंचते हैं। अमरनाथ गुफा पहुंचने के दो रास्ते हैं। एक रास्ता पहलगाम और दूसरा बालताल से होकर जाता है।
वैसे इस बार ज्यादा बर्फबारी से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत में होने वाली पवित्र पूजा-अर्चना गुफा में ना होकर 6 किलोमीटर दूर हुई थी। ऐसा 150 साल में पहली बार हुआ था कि ये पूजा गुफा में नहीं हुई हो।
अमरनाथ की यह यात्रा 29 जून से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगी। जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा आसपास रहने वाले लोगों की जीविका के लिए काफी अहम है। यात्रा के दौरान पिट्ठू, दुकानें और सवारी ढोने के जरिए कई लोगों को रोजगार मिलता है।