7 जुलाई 2011
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर से मिले खजाने का स्रोत और उसकी प्राचीनता का पता लगाने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति आर.वी. रवींद्रन और न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक की खण्डपीठ ने एएसआई से खजाने की सुरक्षा और उसे रखने की जगह तय करने के बारे में सुझाव मांगे हैं। न्यायालय ने एएसआई को खजाने की वीडियो रिकार्डिग करने और तस्वीरें लेने का भी निर्देश दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सोलहवीं सदी के इस मंदिर के अब तक खोले गए छह में से पांच तहखानों में से एक लाख करोड़ रुपये का खजाना मिला है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश एक स्थानीय वकील की ओर से दायर याचिका की सुनवाई पर दिया था। वकील ने मंदिर की देखरेख करने वाले न्यास पर खराब सुरक्षा प्रबंधों और कुप्रबंधन का आरोप लगाया था।
न्यायालय ने समिति के सदस्यों को खजाने के बारे में मीडिया से बातचीत करने पर पाबंदी लगा दी है। न्यायालय ने एएसआई से एक निरीक्षक की नियुक्ति करने के लिए कहा है जो खजाने और उसकी प्राचीनता का मूल्यांकन करेगा।
निरीक्षक यह बताएगा कि खजाने को कहां रखा जा सकता है। खजाने को सुरक्षित रखे जाने को लेकर विवाद है। कुछ लोगों का कहना है कि खजाने को मंदिर में रखा जा सकता है जबकि कुछ का विचार है कि इसे संरक्षित रखने के लिए एक संग्रहालय का निर्माण किया जाना चाहिए।