पुनीत पांडे
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी आज भारत में ही नहीं विश्व में जाना माना नाम है। दुनिया उनकी सूझबूझ, निर्णय लेने की क्षमता, नेतृत्व और कौशल की कायल है। महेन्द्र सिंह धौनी ने भारत को टी-20 विश्व कप का विजेता बनाया। फिर उन्होंने भारतीय टीम को विश्वकप भी दिला दिया। भारतीय टीम आज नंबर एक टीम है,तो इसकी बड़ी वजह धौनी की कप्तानी है।
कन्या राशि वाले लोग आलोचना भी करते हैं तो बहुत सधी हुई। अगर कुण्डली में बुध उत्तम स्थिति में हो तो कन्या राशि के गुण प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। धौनी की कुण्डली में बुध, यश के दशम भाव में स्थित है। लग्नेश का दशम कें होना राजयोग निर्मित करता है और व्यक्ति को यश, सम्मान और ख्याति दिलवाता है। बुध का दशम भाव में मिथुन राशि में होना भद्र महापुरुष योग भी बनाता है। हमारे ऋषियों के अनुसार भद्र योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति सिंह के समान फुर्तीला, वक्षस्थल पुष्ट, विद्वान, सुन्दर, बुद्धिमान, बातों को छिपाने वाला, धार्मिक, और धैर्यवान होता है। आश्चर्य नहीं की धौनी में भद्रमहापुरुष योग के सभी गुण मौजूद हैं।
धौनी की कुण्डली में एक और शक्तिशाली योग है - गजकेसरी योग। गुरु और चन्द्र पसस्पर केन्द्र में गजकेसरी योग का निर्माण करते हैं। गजकेसरी योग में गज (हाथी) व केसरी (सिंह) दोनों ही जानवर प्रकृ्ति से सबसे प्रभावशाली व शक्तिशाली है. ऋषि पराशर के अनुसार गजकेसरी योग के फलस्वरुप व्यक्ति योग्य, कुशल, राजसी सुखों को भोगने वाला, जीवन में उच्च पद, अति बुद्धिशाली, वाद-विवाद व भाषण में निपुण होता है।
गरु धौनी की कुण्डली में केन्द्र का स्वामी भी है और त्रिकोण के स्वामी शनि के साथ पाराशरी राजयोग बना रहा है। इस युति में एकादशेष चन्द्र का साथ धन योग भी बनाता है। आश्चर्य नहीं कि इतने सारे राजयोगों नें धौनी को कम उम्र में बहुत कुछ दिया।
योगों की बात बहुत हुई अब देखते हैं कि आने वाला वक्त धौनी के लिए क्या लाने वाला है। वर्तमान में धौनी की राहु की महादशा चल रही है जोकि 2020 तक चलनी है। राहु में अभी बुध की अन्तर्दशा नवम्बर 2010 से मई 2013 तक चलेगी। बुध के बारे हम पहले ही बात कर चुके हैं कि बुध धौनी का बहुत ही शक्तिशाली ग्रह है और कई राजयोगों का कारक है। इस दशा में न सिर्फ उन्होनें भारत के लिए विश्वकप जीता परन्तु चेन्नई के कप्तान के तौर पर चेन्नई सुपर किंग्स को भी आई पी एल विजेता बनवाया। बुध 2013 तक उनको इसी तरह की सफलता दिलवाता रहेगा। धौनी की टीम आने वाले टूर्नामेंट में भी उत्तम प्रदर्शन करेगी। इस दशा में धौनी किसी नए व्यवसाय को प्रारम्भ करेंगे।
मई 2013 के बाद केतु की दशा में धौनी को विवादों के चलते कप्तानी छोड़नी पडेगी और कुछ मानसिक अशान्ति का भी सामना करना पडेगा। हो सकता है कि उनका विदेशी कोच से भी विवाद हो।
जून 2014 से धौनी की शुक्र की महादशा प्रारम्भ होगी। शुक्र ग्रह द्वितीयेश और भाग्येश होकर एकादश में राहु के साथ स्थित हैं। शुक्र की दशा में धौनी को वैवाहिक और पारिवारिक पक्ष से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अपने खास रिश्तों को बचाने में उस वक्त उन्हें खासी मशक्कत करनी होगी।