8 जुलाई 2011
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में पिछले तीन दिन से जारी हिंसा के मद्देनजर देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है। इस हिंसा अब तक 63 लोग मारे जा चुके हैं। यह जानकारी शुक्रवार को मीडिया ने दी।
कराची में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी हिंसा जारी रही। यहां बसों और मकानों पर हमले किए गए। इस हिंसा में 34 लोग मारे गए। तीन दिन से जारी हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 63 तक पहुंच चुकी है।
सौद मिर्जा नाम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कस्बा कॉलोनी और ओरंग शहर के हिस्सों में हिंसक घटनाओं में 18 लोग मारे गए। समाचार पत्र 'डॉन' ने खबर दी है कि दो यात्री बसों पर हमले में 12 लोग मारे गए 30 से ज्यादा घायल हो गए।
बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए सिंध सरकार ने देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया है। जबरन दुकाने और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कराने वालों की गिरफ्तारी की बात भी कही गई है।
आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने कराची संवाददाताओं को बताया कि प्रभावित इलाकों में निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बहाल करने के लिए 1000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
उन्होंने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट और अवामी नेशनल पार्टी से शहर में शांति बहाल करने में भूमिका निभाने का अनुरोध किया है।
मलिक ने कहा, "कराची के हालात संवेदशील बने हुए हैं लेकिन हमारे पास सारी सूचनाएं हैं। हमें मालूम है कि हिंसा भड़काने की साजिश कहां रची गई, हम जानते हैं कि इसके पीछे किनका हाथ है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
'डॉन' के अनुसार शुक्रवार को बसों पर हमलों के दौरान उर्दू भाषी लोगों को निशाना बनाया गया। लगता है कि यह कदम पश्तूनों पर हुए हमले के बदले में उठाया गया है।