18 जुलाई 2011
सुकना (पश्चिम बंगाल)। दार्जिलिंग में शांति बहाली के लिए ऐतिहासिक समझौता होने के एक दिन पूर्व रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां के वन्यजीव अभयारण्य में पहुंचीं और स्थानीय लोगों से बातचीत की।
बनर्जी रविवार को दोपहर बाद पहले सिलीगुड़ी पहुंचीं और वहां से सुकना वन-बंगला के लिए रवाना हुईं।
रास्ते में उन्होंने अपनी कार रुकवाई और सड़क के दोनों किनारे खड़े लोगों से बातचीत की। बाद में बंगला पहुंचने पर वह उत्तर बंगाल के तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व से मिलीं।
केंद्रीय जहाजरानी राज्यमंत्री मुकुल राय और उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देब बनर्जी के साथ थे। बनर्जी इसके बाद सिलीगुड़ी के निकट स्थित महानंदा वन्यजीव अभयारण्य के लिए रवाना हुईं जो पूर्वी भारत का सबसे बड़ा अभयारण्य है।
लगभग एक घंटे तक जंगली क्षेत्र से गुजरते हुए बनर्जी अभयारण्य की निगरानी के लिए बने मीनारों में से एक पर पहुंचीं और वहां वन अधिकारियों से बातचीत की।
जब फोटोग्राफरों में से एक ने तस्वीर खिंचवाने के लिए कहा तब 56 वर्षीय नेता ने मजाक किया, "क्या आप नहीं जानते कि वे (बाघ) तंग करना पसंद नहीं करते। उन्हें परेशान मत कीजिए। यदि वे क्रोधित हो जाएंगे तो आप लोगों को खा लेंगे।"
बनर्जी आज दोपहर बाद सुकना उपमंडल के गांव पिनताल पहुंचेंगी जहां गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की मौजूदगी में त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।