18 जुलाई 2011
नई दिल्ली/वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन सोमवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आ रही हैं। वह यहां भारत और अमेरिका की दूसरी रणनीतिक वार्ता की भारत के विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा के साथ अध्यक्षता करेंगी। उम्मीद की जा रही है कि उनके साथ आने वाली कई कम्पनियां 9/11 के बाद अमेरिका द्वारा विकसित की गई आतंकवाद निरोधक प्रौद्योगिकी पेश कर सकती हैं।
वार्ता में नागरिक परमाणु सहयोग और अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान में अस्थिरता पर भी प्रमुखता से चर्चा की जा सकती है।
क्लिंटन चेन्नई भी जाएंगी, जहां बड़े पैमाने पर अमेरिकी निवेश हुआ है।
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने हिलेरी क्लिंटन की यात्रा से पहले रविवार को वाशिंगटन में एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी कम्पनियां इस यात्रा में 9/11 के बाद अमेरिका में विकसित की गई आधुनिकतम प्रोद्यौगिकी और आतंकवाद निरोधक तकनीक का प्रदर्शन करेंगी। यूएसआईबीसी की स्थापना भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक सम्बंध के विकास के लिए की गई है।
एक जानकार सूत्र ने कहा कि 13/7 के आतंकवादी हमले में अब तक कोई महत्वपूर्ण सुराग हाथ नहीं लगने के कारण भारत अमेरिका से इसकी जांच में सहयोग मांग सकता है।
क्लिंटन के साथ अमेरिका के शीर्ष आतंकवाद निरोधक अधिकारी नेशनल इंटेलीजेंस के निदेशक जेम्स आर. क्लैपर और गृह सुरक्षा मंत्री जेन होल ल्यूट भी आएंगे।
भारतीय प्रतिनिधि मंडल में शामिल होंगे योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार सैम पित्रोदा, विदेश सचिव निरुपमा राव, नामित विदेश सचिव रंजन मथाई तथा गृह, वाणिज्य और पर्यावरण मंत्रालयों के सचिव। खुफिया ब्यूरो के निदेशक नेहचल संधू भी चर्चा में शामिल होंगे।
रणनीति वार्ता में भारत और अमेरिका रणनीतिक सहयोग, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और रक्षा जैसे अनेक विषय पर बातचीत करेंगे।