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रणनीतिक वार्ता के लिए दिल्ली पहुंची हिलेरी क्लिंटन, आतंकवाद रहेगा अहम मुद्दा

19 जुलाई 2011

नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन सोमवार रात तीन दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंची। ओबामा प्रशासन में अमेरिका की विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनकी दूसरी भारत यात्रा होगी। मंगलवार को क्लिटंन विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के साथ रणनीतिक वार्ता में शरीक होगी। बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री चेन्नई जाएंगी, जहां अमेरिकी कम्पनियों ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है।

क्लिंटन का यहां हवाई अड्डे पर विदेश सचिव निरुपमा राव और अमेरिका में भारत की राजदूत मीरा शंकर ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। उनका विशेष विमान रात करीब 8.40 बजे पहुंचने का अनुमान था लेकिन चूंकि एथेंस से यह एक घंटे विलंब से उड़ा इस वजह से यह यहां एक घंटे विलंब से पहुंचा।

क्लिंटन की इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को दूसरी रणनीतिक वार्ता में आतंकवाद के विरुद्ध पारस्परिक सहयोग, नागरिक परमाणु सहयोग और पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान की स्थिति पर प्रमुखता से बात होने की सम्भावना है।

क्लिंटन भारत के विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा के साथ रणनीतिक वार्ता की सह अध्यक्षता करेंगी। वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलेंगी।

एक अधिकारी ने कहा कि इस वार्ता में रणनीतिक सहयोग, आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग, ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य तथा रक्षा और अन्य कई विषयों पर चर्चा की जाएगी।

एक जानकार सूत्र ने कहा कि 13 जुलाई के मुम्बई आतंकवादी हमले में अब तक कोई महत्वपूर्ण सुराग हाथ नहीं लगने के कारण भारत अमेरिका से इसकी जांच में सहयोग मांग सकता है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि भारत किस तरह का सहयोग मांगेगा।

क्लिंटन के साथ प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका के शीर्ष आतंकवाद निरोधक अधिकारी नेशनल इंटेलीजेंस के निदेशक जेम्स आर. क्लैपर और गृह सुरक्षा मंत्री जेन होल ल्यूट भी शामिल हैं।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार सैम पित्रोदा, विदेश सचिव निरुपमा राव, नामित विदेश सचिव रंजन मथाई तथा गृह, वाणिज्य और पर्यावरण मंत्रालयों के सचिव। खुफिया ब्यूरो के निदेशक नेहचल संधू भी चर्चा में शामिल होंगे।

अफगानिस्तान की स्थिति पर प्रमुखता से चर्चा होगी। माना जा रहा है कि क्लिंटन नरमपंथी तालिबान नेताओं के साथ अमेरिका की हुई बातचीत से भी भारत को अवगत कराएगी और अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारत की भूमिका को दोहराएगी।

इसी के साथ भारत इसी माह पाकिस्तान के साथ होने वाली विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता के बारे में भी क्लिंटन को अवगत करा सकता है।


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