19 जुलाई 2011
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए नोएडा एक्सटेंशन में पतवाड़ी गांव की 589 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण रद्द करने का फैसला सुनाकर किसानों को बड़ी राहत दी। अदालत के इस फैसले से नामी बिल्डरों की 14 परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। फैसले के बाद सरकार ने नोएडा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष का तबादला कर दिया।
पतवाड़ी गांव के किसानों ने राज्य सरकार पर उचित मुआवजा दिए बिना जमीन अधिग्रहीत करने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जमीन वापस दिलाने की गुहार लगाई थी।
किसानों के वकील परवेंद्र भाटी ने यहां संवाददाताओं को बताया, "राज्य सरकार और बिल्डरों की दलीलों को नकारते हुए अदालत ने पतवाड़ी गांव की 589 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण रद्द करने का फैसला सुनाया।"
भाटी के मुताबिक अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि जिस मकसद से किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था वह पूरा नहीं किया गया।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने 2008 में औद्योगिक विकास के नाम पर किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। आरोप है कि राज्य सरकार ने बाद में नियमों की अनदेखी करते हुए जमीन आवासीय निर्माण के लिए बिल्डरों को दे दी।
अदालत के इस फैसले से पतवाड़ी गांव में अधिग्रहीत जमीन पर आवासीय परियोजनाओं का निर्माण कर रहे इरोज, स्टेलर सुपरटेक, आम्रपाली, पंचशील और गायत्री जैसे 11 बिल्डरों की करीब 14 परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। इन परियोजनाओं के तहत ये बिल्डर करीब 15 हजार से अधिक फ्लैटों का निर्माण कर रहे थे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय बुधवार को रौजा-याकूबपुर के किसानों की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय इसी महीने नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी गांव में जमीन अधिग्रहण रद्द कर मायावती सरकार को एक करारा झटका पहले भी दे चुका है।
उधर, अदालत के फैसले के बाद मायावती सरकार ने मंगलवार शाम नोएडा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह का तबादला कर बलविंदर कुमार को इस पद पर नियुक्त किया। कुमार फिलहाल समाज कल्याण विभाग के मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे।