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तीन अरब मील दूर से खोजा प्लूटो का नया चांद

21 जुलाई 2011

वाशिंगटन। अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की है कि खगोलविदों ने बर्फीले बौने ग्रह प्लूटो का चक्कर लगाते एक चौथे चांद की खोज की है।

इस छोटे से नए उपग्रह को अस्थायी तौर पर पी4 नाम दिया गया है। हबल अंतरिक्ष टेलीस्कोप से प्लूटो के चारों ओर बने छल्लों की खोज की जा रही थी और इसी दौरान इस नए उपग्रह के सम्बंध में पता चला।

पी4 को सबसे पहले हबल के वाइड फील्ड कैमरा3 से 28 जून को ली गई एक तस्वीर में देखा गया था। इसके बाद तीन जुलाई और 18 जुलाई को हबल से ली गई अन्य तस्वीरों में इसकी पुष्टि हुई।

यह प्लूटो का चक्कर लगाने वाला अब तक का सबसे छोटा चंद्रमा है। इसका अनुमानित व्यास 13 से 34 किलोमीटर तक है। दूसरी ओर प्लूटो के सबसे बड़े चांद, कैरॉन का व्यास 1,043 किलोमीटर है। अन्य दो चांदों, निक्स व हाइड्रा का व्यास क्रमश: 32 किलोमीटर व 113 किलोमीटर है।

इस कार्यक्रम से जुड़े कैलीफोर्निया के एसईटीआई संस्थान के मार्क शोवॉल्टर का कहना है, "मुझे यह बहुत असाधारण लगा कि हबल के कैमरों से हम इतने सूक्ष्म उपग्रह को तीन अरब मील (या पांच अरब किलोमीटर) से भी लम्बी दूरी पर इतनी स्पष्टता के साथ देख सके।"

पी4, निक्स व हाइड्रा की कक्षाओं के बीच स्थित है। निक्स व हाइड्रा को 2005 में हबल के जरिए ही खोजा गया था।

अमेरिकी नौसेना वेधशाला ने 1978 में कैरॉन को खोजा था। साल 1990 में हबल के इस्तेमाल से यह स्पष्ट हुआ कि यह प्लूटो से अलग उपग्रह है।


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