21 जुलाई 2011
लंदन। टेस्ट इतिहास के 2000वें टेस्ट में भारतीय कप्तान सिक्के की उछाल में भाग्यशाली रहे औऱ टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। पहले दिन पहला सत्र भारतीय गेंदबाजों के नाम रहा जिन्होने सधी हुई गेंदबाजी से इंग्लिश बल्लेबाजों को खुलकर खेलने नहीं दिया। दूसरे सत्र में अंग्रेज बल्लेबाज थोड़ा रंग में आए लेकिन रंग में भंग डाला बारिश ने। चायकाल से 20 मिनट पहले खेल रुका तो फिर शुरु ही नहीं हो पाया। पहली पारी में इंग्लैंड ने कप्तान स्ट्राउस और एलिएस्टर कुक के विकेट गंवा दिए है और उसने 2 विकेट खोकर 127 रन बनाए है।
लॉर्ड्स के मैदान पर अचानक तेज़ बारिश हो गई और फिर बारिश जब थमी तो मैदान खेलने लायक नहीं बन सका। लिहाजा पहले दिन 50 ओवर का ही खेल हो सका। फॉर्म में चल रहे जोनाथन ट्रॉट ने नाबाद 58 बनाकर ज़हीर के झटकों से जूझ रही इंग्लैंड टीम को संभाल लिया। बारिश के कारण जब खेल रुका उस वक्त ट्राट 104 गेंदों की पारी में आठ चौके लगा चुके थे।
चायकाल जल्द ले लिया गया लेकिन फिर बारिश आ गई तो मैदान पर कवर लगा दिए गए। लेकिन फिर बारिश तेज़ हो गई और आगे बिना कोई गेंद फेंके बिना दिन का खेल खत्म हो गया।
फिलहाल मेजबान टीम ने 49.2 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर 127 रन बनाए हैं। ट्रॉट 58 और केविन पीटरसन 22 रन बनाकर खेल रहे हैं। दोनों बल्लेबाज तीसरे विकेट के लिए 65 रनों की साझेदारी कर चुके हैं।
इंग्लैंड की टीम को दोनों झटके ज़हीर खान ने दिए। स्ट्रॉस ने धीमी गति से खेलते हुए 83 गेंदों में 22 रन बनाए। उन्होने ट्रॉट के साथ दूसरे विकेट के लिए 43 रन भी जोड़े लेकिन ज़हीर खान ने उन्हें चलता कर दिया। इसके पहले ज़हीर ने 19 रन के योग पर इंग्लिश टीम का पहला शिकार एलिस्टर कुक के रुप में किया।
वैसे एक दिन पहले हुई बारिश के कारण लॉर्ड्स टेस्ट मैच देर से शुरु हुआ। लॉर्ड्स का यह मुकाबला वैसे काफी ऐतिहासिक महत्व रखता है। यह भारत और इंग्लैंड के बीच 100वां और टेस्ट इतिहास का 2000वां मुकाबला है। सीरीज में नंबर वन टेस्ट टीम इंडिया के सामने ताज बचाने की चुनौती है जबकि इंग्लिश टीम नंबर वन बनने के लिए जान लगा देगी।
वैसे क्रिकेट का मक्का भारतीय टीम के लिए भाग्यशाली नहीं रहा है। भारत ने लॉर्ड्स में अब तक कुल 15 मैच खेले है जिनमें 10 बार वो हारा है औऱ महज एक जीत मिली है। 1986 में कपिल देव के नेतृत्व में ही टीम इंडिया ने लार्ड्स में मैच जीता था।