22 जुलाई 2011
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि आरक्षण का लाभ नौकरशाहों और राजनीतिज्ञों द्वारा उठाया जा रहा है और इसका लाभ हकदार लोगों तक नहीं पहुंचता है।
न्यायमूर्ति आर.वी. रवींद्रन एवं न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे लोग जिन्हें आरक्षण का लाभ उठाना चाहिए वे इसके बारे में जागरूक नहीं हैं।
न्यायमूर्ति पटनायक ने कहा, "नौकरशाहों और सरकारी नौकरी कर रहे लोगों के बच्चे ही आरक्षण का लाभ पा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके की कोई भी जनजाति आरक्षण का लाभ नहीं पाती है। यहां तक कि वे इसके बारे में जागरूक तक नहीं हैं।"
न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अपनी यह टिप्पणी दी। याचिका में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दाखिले के लिए दोषपूर्ण आरक्षण लागू करने का आरोप लगाया गया है।