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भाकियू ने फिल्म 'खाप' के खिलाफ किया प्रदर्शन

30 जुलाई 2011

मुजफ्फरनगर। सम्मान के नाम पर हत्या (ऑनर किलिंग) के मुद्दे पर निर्माता-निर्देशक अजय सिन्हा की फिल्म 'खाप' के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) सड़कों पर आ गई है। भाकियू कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सिनेमाघरों पर जाकर पोस्टर फाड़ डाले, तोड़फोड़ का प्रयास किया और फिल्म का प्रदर्शन बंद करा दिया।

सिनेमाघरों में इस फिल्म का प्रदर्शन शुक्रवार को शुरू हुआ था। इसमें सगोत्र विवाह की असली वजह बताया गया है। फिल्म में खाप पंचायतों के पक्षों को भी दिखाया गया है।

शनिवार को मुजफ्फरनगर में भाकियू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रपाल फौजी के नेतृत्व में मुख्य बाजारों में 'खाप' फिल्म का प्रदर्शन रोकने की मांग करते हुए नारेबाजी की। कार्यकर्ता ब्रज सिनेमा हॉल पर गए और वहां पोस्टर फाड़ने शुरू किया तथा बुकिंग खिड़की पर तोड़फोड़ का प्रयास किया।

भाकियू नेताओं ने फिल्म की पटकथा को एक पक्षीय बताया और कहा कि 'खाप' में समाज के चौधरियों की अभद्रता, अन्याय और उत्पीड़न को दर्शाया गया है, जिससे खाप के चौधरी स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं।

हंगामे की सूचना पर नगर मजिस्ट्रेट डा़ ब्रजभूषण सिंह व सीओ शिवराम यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को समझाया कि इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिली हुई है। इस पर कार्यकर्ता और उत्तेजित हो गए। उन्होंने फिल्म का शो बंद कराने की मांग की। सिनेमा प्रबंधन से बात कर एक शो के बाद फिल्म के शो बंद कराने के आश्वासन पर प्रदर्शनकारी लौट गए।

भाकियू नेता चंद्रपाल फौजी, धर्मेद्र मलिक व ओमपाल मलिक ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि 'खाप' का प्रदर्शन किसी भी सूरत में सिनेमाघरों में नहीं होने दिया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो हिंसक प्रदर्शन किया जाएगा, क्योंकि यह फिल्म सामाजिक संस्कृति पर कुठाराघात है।


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